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डायन प्रथा को जड़ से हटायें
डायन प्रथा अत्याचार नियंत्रण को लेकर कार्यशाला मेदिनीनगर : डायन प्रथा अत्याचार नियंत्रण को लेकर सोमवार को डीआरडीए के सभाकक्ष में कार्यशाला हुई. अध्यक्षता उपविकास आयुक्त प्रमोद कुमार सिंह ने की. उन्होंने कहा कि डायन प्रथा समाज के लिए कोढ़ है. इसके कारण समाज का माहौल खराब हो रहा है. आये दिन डायन बिसाही से […]
डायन प्रथा अत्याचार नियंत्रण को लेकर कार्यशाला
मेदिनीनगर : डायन प्रथा अत्याचार नियंत्रण को लेकर सोमवार को डीआरडीए के सभाकक्ष में कार्यशाला हुई. अध्यक्षता उपविकास आयुक्त प्रमोद कुमार सिंह ने की. उन्होंने कहा कि डायन प्रथा समाज के लिए कोढ़ है. इसके कारण समाज का माहौल खराब हो रहा है. आये दिन डायन बिसाही से जुड़ी कई घटनाएं सामने आ रही है.
इस पर रोक लगे, इसके लिए सभी विभाग के लोगों को समन्वय बनाकर काम करने की जरूरत है. जब लोग सकारात्मक सोच के तहत प्रयास करेंगे, तो निश्चित रूप से डायन प्रथा पर रोक लगेगी. डीडीसी ने कहा कि डायन के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है. इस तरह की घटना ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक होती है.
इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. लोगों को कानून के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए. डायन बिसाही मामले में कानून द्वारा जो प्रावधान है, उसके मुताबिक तीन महीने की सजा और एक हजार रुपये का जुर्माना है. लोग अंधविश्वास में जकड़े हुए हैं.
यही कारण है कि डायन के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है. श्री सिंह ने कहा कि इस वर्ष झारखंड में डायन बिसाही के 52 मामले दर्ज हुए हैं. इसमें 15 मामला पलामू जिले का है. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण और स्वास्थ विभाग को संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि लोग जागरूक हो सके.
इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं को भी सक्रिय होकर कार्य करने की जरूरत है. कार्यशाला में प्रशिक्षु आइएएस दिव्यांशु झा, सदर एसडीअो अरुण एक्का, हुसैनाबाद एसडीओ, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनिल कुमार यादव के अलावे बीडीओ, सीडीपीओ व महिला पर्यवेक्षिका मौजूद थीं.
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