मेदिनीनगर : सिविल सर्जन कार्यालय में क्लिीनिकल एस्टेब्लिस्टमेंट एक्ट को लेकर कार्यशाला हुई.इसकी अध्यक्षता जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने की. कार्यशाला में निजी अस्पताल, नर्सिंग होम व पैथोलॉजी संचालकों को क्लिनिकल एस्टेब्लिस्टमेंट एक्ट के बारे में विस्तार से बताया गया. कहा गया कि इस एक्ट के अनुरूप जो मापदंड है, उसे पूरा करें. पांच दिन के अंदर एक्ट के नियम के मुताबिक मापदंड पूरा नहीं किया गया, तो निजी अस्पताल नर्सिंग होम व पैथोलोजी संचालकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी.
कार्यशाला में बताया गया कि क्लिनिकल एस्टेब्लिस्टमेंट एक्ट के मुताबिक पलामू जिले में जो भी निजी अस्पताल, पैथोलॉजी सेंटर एवं नर्सिंग होम चल रहे हैं, उनका रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है. यदि किसी निजी अस्पताल या नर्सिंग होम व पैथोलॉजी सेंटर का पूर्व में रजिस्ट्रेशन हुआ है, तो एक्ट के मुताबिक उसका रेन्यूल भी होना चाहिए.
इसके अलावा प्रबंधन के पास बायोमेडिकल बेस्ट, प्रदूषण, अग्निशमन आदि विभागों का प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से रहना चाहिए. संचालक को बताया गया कि नर्सिंग होम निजी अस्पताल व पैथोलॉजी सेंटर में बायोमेडिकल बेस्ट, प्रदूषण, अग्निशमन की व्यवस्था कीजानी चाहिए.
साथ ही संस्थान में काम करने वाले चिकित्सक,नर्स व अन्य कर्मियों के सेवा का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करना होगा. स्टेट कंस्लटेंट रिसोर्स पर्सन डॉ राहुल कुमार सिंह ने कार्यशाला में बताया कि नर्सिंग होम व निजी अस्पताल का क्लिनिकल स्टेबलिस्टमेंट एक्ट के तहत निबंधन कराना आवश्यक है. निबंधन के बाद सभी यूनिट सरकार के नियंत्रण में काम करेगी. नियमों का अनदेखी करने वाले निजी अस्पताल, नर्सिंग होम व पैथोलॉजी लैब के संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
जुर्माना के रूप में पांच लाख रुपये लगाने का प्रावधान है. कार्यशाला में बताया गया कि नियमों का उल्लंघन करने व बिना पंजीकरण के निजी अस्पताल व नर्सिग होम का संचालन करने पर पहली बार 50 हजार, दूसरी बार दो लाख और इसके बाद पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर कार्रवाई की जायेगी. कार्यशाला में डॉ अंशुमन, डॉ सत्यजीत गुप्ता,डॉ शंकर प्रसाद, डॉ एसके रवि के अलावा कई निजी नर्सिंग होम संचालक मौजूद थे.