मेदिनीनगर : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि यदि आसपास हरियाली होगी, तो इतना तय है कि वहां जो रहेंगे उनके घर भी खुशहाली रहेगी. क्योंकि वृक्ष केवल पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि मानव के जीवन पर भी सकारात्मक असर डालती है. भारत की सभ्यता व संस्कृति में वृक्षों को देव तुल्य मानकर पूजा-अर्चना की जाती है. इसलिए इतिहास साक्षी है कि जिन लोगों ने वृक्ष काट कर इसका धंधा किया. उनका न तो वर्तमान सही रहा और न ही भविष्य ही सुधर पाया.
इसलिए व्यक्ति को यह प्रयास करना चाहिए वृक्ष काट कर आह न लें. क्योंकि हरे पौधे में जीव होता है और जो वृक्ष का आह लेंगे, उनका कभी भी भला नहीं होगा.जो लोग गलत तरीके से पेड़ काट कर व्यवसाय करते हैं, वह बर्बाद हो जाते है. वृक्ष रहेंगे, तो जीवन आबाद रहेगा और जो इसे बर्बाद कर खुद को आबाद रहना चाहते हैं, वह भ्रम में है. वह वृक्षों को बर्बाद कर कभी आबाद नहीं रह सकते. इसलिए इस विषय पर सोचने की जरूरत है.
मंत्री श्री चंद्रवंशी सोमवार को नदी महोत्सव को लेकर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. वन महोत्सव में इस बार सरकार ने नदी महोत्सव मनाया है. इसे लेकर कोयल नदी के किनारे लगभग 30 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. नदी महोत्सव के अवसर पर इसकी शुरुआत नगर निगम के निमिया से की गयी, जहां अभियान के पहले दिन लगभग 1000 पौधे लगाये गये. तय किया गया है कि कोयल के किनारे बसे लगभग पांच किलोमीटर की परीधि में 30 हजार पौधे लगाये जायेंगे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता आरसीसीएफ एनके सिंह व संचालन अनुपमा तिवारी ने किया. मौके पर मंत्री श्री चंद्रवंशी ने कहा कि वनों से झारखंड की पहचान है. इसकी पहचान बरकरार रहे, इसके लिए सरकार गंभीर है. वन संपदा से झारखंड परिपूर्ण रहे. इस उद्देश्य को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में काम हो रहा है. पूरे देश में ऐसा पहली बार हो रहा है,
जब एक साथ राज्य के 24 जिलों के 24 नदी और 140 किलोमीटर के क्षेत्र में नौ लाख पौधे लगाये जा रहे हैं. देश में अभी तक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इतना बड़ा अभियान नहीं चला है. उन्होंने कहा कि झारखंड को हरा भरा बनाने के लिए सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि आमजनों को भी गंभीर होकर सोचने की जरूरत है. पौधों के प्रति अपनापन का भाव जगे, इसके लिए भी प्रयास किये जा रहे है. उन्होंने पौधरोपण से विद्यार्थियों को जोड़े जाने की पहल की सराहना की. कहा कि जीवन के प्रारंभिक दौर से ही पौधों के प्रति अपनापन का भाव होना चाहिए.
मौके पर मुख्य वन संरक्षक एनके सिंह ने कहा कि नदी भारत की सभ्यता व संस्कृति से जुड़ा हुआ है. नदियों के संरक्षण के साथ-साथ इस अभियान से पर्यावरण की भी रक्षा होगी. जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी है. नगर निगम के डिप्टी मेयर राकेश सिंह उर्फ मंगल सिंह ने कहा कि यह एक बेहतर कार्य है. निगम भी मेदिनीनगर को ग्रीन और क्लिन सिटी बनाने की दिशा में संकल्पबद्ध होकर काम करेगी. इसे लेकर जल्द ही अभियान शुरू किया जायेगा. धन्यवाद ज्ञापन डीएफओ एनसीएस मुंडा ने की. इस मौके पर वन संरक्षक कुमार मनीष अरविंद, डीएफओ महालिंगा,सदर एसडीओ एनके गुप्ता, बीससूत्री उपाध्यक्ष विपिन बिहारी सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र पांडेय, ज्ञानचंद पांडेय, वृजेश शुक्ला, इंद्रजीत सिंह डिंपल, वार्ड पार्षद शकुंतला देवी, अमलेश्वर दुबे, अभिमन्यु तिवारी, अजय तिवारी, शंकर श्रीवास्तव, रेंजर विनोद विश्वकर्मा, कुमार नरेंद्र, कुश ओझा, गोपाल सिंह सहित कई लोग मौजूद थे. कार्यक्रम में सिंगरा खुर्द, सिंगरा कला, बजराहा सहित पांच विद्यालय के बच्चों व शिक्षकों ने भाग लिया.