चैनपुर(पलामू) : चैनपुर के गोरे बलहिया गांव में मंगलवार को चिकित्सा दल गांव पहुंचा. इस गांव में एक माह के दौरान आदिम जनजाति समुदाय के छह लोगों की मौत बीमारी के कारण हो गयी है. प्रभात खबर में खबर प्रकाशित होने के बाद सोमवार को पुन: टीम गांव गयी. इसके पूर्व 13 अप्रैल को टीम गांव गयी थी.
तब एक ही परिवार के दो सदस्य की मौत हुई थी. उसके बाद रविवार को सुरेंद्र कोरवा उर्फ सुनील कोरवा व देवा मुंडा की मौत हुई है. चिकि त्सा दल को यह पता करने को कहा गया है कि आखिर किस बीमारी से आदिम जनजाति समुदाय के लोगों की मौत हो रही है, इसका पता लगाया जाये, ताकि इससे बचाव के उपाय किये जा सके. बीडीओ विपिन कुमार दुबे ने बताया कि चिकित्सक के दल को गांव भेजा गया है.
इस मामले को लेकर प्रशासन गंभीर है,आदिम जनजाति समुदाय के लोग प्रखंड में जहां भी रह रहे हैं, उनकी क्या स्थिति है, इसके बारे में रोजगार व ग्राम सेवकों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है, ताकि जरूरत के अनुसार उन्हें सुविधा उपलब्ध कराया जा सके. बताया जाता है कि इस मामले को लेकर पलामू उपायुक्त कृपानंद झा ने भी बीडीओ से रिपोर्ट मांगी है.
चिकित्सा दल का नेतृत्व कर रहे डॉ राजेश केसरी ने बताया कि 16 लोगों का रक्त का नमूना लिया गया है. देवा मुंडा के बारे में यह जानकारी मिली है कि उसके नाक से खून आ रहा था, इसी कारण उसकी मौत हुई है. हो सकता है कि ब्लड प्रेशर हाई होने के कारण उसकी मौत हुई हो.