इस दौरान मनरेगा की कार्यों की समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि चैनपुर में मनरेगा मजदूरों का भुगतान लंबित है. जबकि पाटन, सदर व विश्रामपुर के बीडीओ द्वारा मनरेगा के कार्यों में अपेक्षित रुचि नहीं दिखायी जा रही है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसी श्री कुमार ने चैनपुर बीडीओ सुशील राय के वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया. साथ ही पाटन, सदर व विश्रामपुर बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा है.
स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जायेगी. बैठक में कहा गया कि वन विभाग ने जो पेड़ लगाये हैं, वैसे जगहों पर पेड़ पौधे सुरक्षित रहे. इसके लिए मनरेगा के माध्यम से पटवन की व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए वन प्रमंडल पदाधिकारी को कहा गया कि वह वनों के क्षेत्र पदाधिकारी से प्रस्ताव प्राप्त कर इसे सौंपें, ताकि इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके. बैठक में बताया गया कि कल्याण विभाग ने अनुसूचित जनजाति व आदिम जनजातियों के बीच दुधारू पशु वितरण की योजना ली है. इस योजना में पशुओं के रहने के लिए शेड का निर्माण किया जायेगा. बैठक में बताया गया कि मनरेगा के तहत जो डोभा व तलाब बने है वहां मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा. इसके लिए विभाग ने 10 प्रतिशत राशि के भुगतान पर 90 प्रतिशत अनुदान के रूप में मछली के जीरा का वितरण जुलाई माह से किया जा रहा है.
मनरेगा के लाभुक अभी भी इस योजना का लाभ ले सकते है. बैठक में डीसी श्री कुमार ने 15 अगस्त तक मनरेगा के जॉबकार्डधारियों का कार्ड सत्यापन व आधार सीडिंग का काम पूरा करने का निर्देश दिया. इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा निदेशक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. बैठक में उपविकास आयुक्त सुशांत गौरव, प्रशिक्षु आइएस चंदन कुमार, सदर अनुमंडल पदाधिकारी नंदकिशोर गुप्ता, हुसैनाबाद एसडीओ सुरजीत सिंह, छतरपुर एसडीओ राजेश प्रजापति, निदेशक हैदर अली, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी आदि मौजूद थे. बैठक की जानकारी जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी देवेंद्रनाथ भादुड़ी ने दी है.