पाकुड़ (सानू दत्ता). शहर के प्रमुख ब्लड बैंक में रक्त की भारी कमी देखी जा रही है, जिससे मरीजों को रक्त उपलब्ध कराना मुश्किल होता जा रहा है. 300 यूनिट क्षमता वाले इस ब्लड बैंक में फिलहाल केवल 48 यूनिट रक्त उपलब्ध है, जिससे कई गंभीर मरीजों को समय पर रक्त न मिल पाने की समस्या उत्पन्न हो सकती है. ब्लड बैंक प्रशासन के अनुसार, ए-पॉजिटिव, ए-नेगेटिव, ओ-नेगेटिव, एबी-पॉजिटिव और एबी-नेगेटिव रक्त समूह की भारी कमी दर्ज की गयी है. वर्तमान में केवल बी-पॉजिटिव 22 यूनिट, ओ-पॉजिटिव 25 यूनिट व बी-नेगेटिव एक यूनिट ब्लड रक्त अधिकोष में उपलब्ध है, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में जल्द ही खत्म हो सकती है. अस्पतालों में भर्ती मरीजों, गर्भवती महिलाओं, दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों और थैलेसीमिया जैसे रोगों से ग्रसित मरीजों को रक्त की अत्यधिक आवश्यकता होती है. ब्लड बैंक प्रशासन ने रक्तदाताओं से तुरंत रक्तदान करने की अपील की है, ताकि जरूरतमंदों को समय पर रक्त मिल सके. विशेषज्ञों का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है, जिससे न केवल दूसरों की जान बचायी जा सकती है, बल्कि रक्तदाता स्वयं भी स्वस्थ रहता है. रक्तदान एक महान सामाजिक कार्य है, जिससे कई लोगों की जिंदगी बचायी जा सकती है. ब्लड बैंक प्रशासन ने नागरिकों से स्वेच्छा से आगे आकर रक्तदान करने की अपील की है, ताकि कोई भी मरीज रक्त की कमी के कारण संकट में न पड़े.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है