नगर प्रतिनिधि, पाकुड़. सीपीआइएम की वरिष्ठ नेत्री वृंदा करात मंगलवार को पाकुड़ स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचीं, जहां उन्होंने प्रेस वार्ता कर केंद्र और राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों पर गंभीर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद भारतीय जनता पार्टी कई राज्यों में आक्रामक हस्तक्षेप की राजनीति कर रही है, जबकि झारखंड में विघटनकारी नारे देने के बावजूद उसका जनाधार घटा है. कहा कि झारखंड में बीजेपी द्वारा विभाजनकारी राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश चिंता का विषय है. उन्होंने झामुमो सरकार से सभी दलों और संगठनों के साथ बैठक कर राज्य में मजबूत वैकल्पिक नीति तैयार करने की बात कही. भूमि मापन और रैयतों को गलत भुगतान के मामलों पर उन्होंने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की. उन्होंने कोल इंडिया पर निजी कंपनियों को कोयला खदान सौंपकर लूट कराने का आरोप लगाया और कोयला परिवहन से बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की. कहा कि इन सभी मुद्दों को लेकर जल्द ही जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. बिहार चुनाव को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन हुआ. प्रधानमंत्री सहित भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए विभाजनकारी भाषणों पर कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्न उठाए. करात ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले 10,000 रुपये बैंक खातों में भेजना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव साबित करता है कि जनता को और ज्यादा चौकस रहने की जरूरत है.
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