भंडरा. बगुला पतरा और उसके आसपास के गांवों में पिछले 12 दिनों से उत्पात मचा रहे एक जंगली हाथी को आखिरकार वन विभाग द्वारा बुलाये गये बंगाल की विशेषज्ञ हाथी भगाओ टीम के प्रयासों से हनहट क्षेत्र की ओर खदेड़ा गया. हाथी के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. हाथी के लगातार उपद्रव से बगुला पतरा समेत दर्जनों गांवों के लोगों की रातों की नींद हराम हो गयी थी. हाथी ने अपने डेरा जमाने के दौरान कई किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया और कई घरों को ध्वस्त कर दिया. इससे ग्रामीणों में भय और आक्रोश व्याप्त था. प्रभावित लोगों ने छह मई को कुम्हरिया में सड़क जाम कर हाथी को तत्काल भगाने की मांग की थी. प्रशासन द्वारा आश्वासन दिये जाने के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया था. इसके बाद वन विभाग ने दो-तीन दिनों तक हाथी के स्वयं क्षेत्र से चले जाने का इंतजार किया, लेकिन जब हाथी ने बगुला पतरा में लगातार 12 दिनों तक अड्डा जमाए रखा, तब विभाग ने पश्चिम बंगाल से प्रशिक्षित हाथी भगाओ टीम को बुलाया. टीम ने सुरक्षात्मक रणनीति के तहत हाथी को बगुला पतरा से खदेड़ते हुए हनहट क्षेत्र तक पहुंचाया. हाथी के हटने के बाद बगुला पतरा, हाटी अंबेरा, लड़ाई टंगरा, कुम्हारिया, सेमबी टोली, गुड्डी सहित आसपास के गांवों के लोगों ने राहत महसूस की है. इन 12 दिनों में ग्रामीणों को हर वक्त यह डर बना रहता था कि हाथी कब गांव में घुसकर खेती और घरों को नुकसान पहुंचा देगा. वन विभाग की ओर से चलाये गये इस सफल अभियान की स्थानीय लोगों ने सराहना की है. अब गांवों में सामान्य स्थिति लौटने लगी है.
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