किस्को प्रखंड. उम्र महज एक संख्या है. इस बात को सच साबित कर रहे हैं किस्को प्रखंड के वृद्धजन, जो न केवल सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी निभा रहे हैं, बल्कि अपनी ऊर्जा, अनुभव और सेवा-भाव से समाज को सशक्त बना रहे हैं. इन वृद्धजनों की जीवंतता, सेवा भावना और समाज के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल है. किस्को प्रखंड के ये वरिष्ठ नागरिक न केवल उम्र को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.उनकी जीवटता और समर्पण आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है. ऐसे लोगों को देखकर यह यकीन होता है कि सच्चा विकास केवल सुविधाओं से नहीं, बल्कि लोगों के जज़्बे और सेवा-भाव से होता है. इनमें सबसे अग्रणी हैं: लेदु सिंह : 95 वर्ष की उम्र में भी लेदु सिंह सामाजिक और सामुदायिक कार्यों में सबसे आगे रहते हैं. वे चौक-चौराहों पर युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करते हैं. उनका कहना है, युवा जितना शराब से दूर रहेंगे, उतना फिट रहेंगे. लेदु सिंह न केवल सामाजिक जागरूकता फैलाते हैं, बल्कि किसी के घर सेवा देना हो या होटल में निःशुल्क मदद करना, हर जगह सक्रिय रहते हैं. वे महाकुंभ में 50 किलोमीटर पैदल यात्रा कर युवाओं को प्रेरित कर चुके हैं.
असंबर उरांव :
असम्बर उरांव आज भी रेडियो सुनकर देश-दुनिया से जुड़े रहते हैं और जरूरतमंदों की मदद करने में लगे रहते हैं. वे युवाओं को आत्मनिर्भर बनने और नशे से दूर रहने की सलाह देते हैं.बैजनाथ हजाम : बैजनाथ हजाम खुद का व्यवसाय कर समाज को आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम कर रहे हैं. वे हर सामाजिक कार्य में शरीरिक सहयोग प्रदान करते हैं.
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