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अनाज उठाव के लिए बायोमेट्रिक की बाध्यता नहीं, लाभुक का हस्ताक्षर लें : उपायुक्त

लाभुकों को दो माह का अग्रिम अनाज भी देना है

अनाज उठाव के लिए बायोमैट्रिक की बाध्यता अब नहीं है. वर्तमान समय को देखते हुए और अनाज उठाव के दौरान ओटीपी ट्रांजेक्शन में समय लगने की शिकायत पर विभाग द्वारा इस बाध्यता को बंद कर दिया गया है.

इस संबंध में सभी संबंधित पदाधिकारियों व पीडीएस दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अनाज उठाव करते समय मात्र लाभुक की कार्ड संख्या डालें और पीडीएस डीलर सिस्टम जेनरेटेड ओटीपी में 12345 डालें. इसके बाद अनाज का उठाव किया जा सकता है . उपायुक्त ने कहा कि डीलर एक पंजी संधारित करें जिसमें राशन वितरण से संबंधित पूरी सूची हो. राशन प्राप्त करने के बाद लाभुक का हस्ताक्षर भी पंजी में अंकित करायें.

लाभुकों को दो माह का अग्रिम अनाज भी देना है इसलिए इस कार्य में पूरी सतर्कता आवश्यक है. ज्ञात हो कि राज्य सरकार के आदेश पर उपायुक्त द्वारा जिले के सभी ऑनलाइन मोड में कार्यरत जन वितरण प्रणाली दुकानों से बायोमैट्रिक सत्यापन के बगैर (बिना अंगूठे के निशान एवं आँख की पुतली के) अगले आदेश तक राशन का वितरण करने का आदेश पूर्व में ही दिया जा चुका है. वर्तमान परिस्थिति अगले आदेश तक इस व्यवस्था को लागू रखा जायेगा.

जिले में खाद्य सुरक्षा से अनाच्छादित गरीब लोगों को झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष से होगी अनाज की पूर्ति

कोरोना वायरस की महामारी फैलने जैसी उत्पन्न समस्या के मद्देनजर पूरे राज्य को लाॅकडाउन कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में रोज कमाने -खाने वाले गरीब जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित नही हैं , जिले के वैसे निर्धन व गरीब नागरिकों को भी भोजन के लिए अनाज की कमी नहीं होगी. झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष के माध्यम से इस विषम परिस्थिति में भी अनाज उपलब्ध कराया जायेगा. ज्ञात हो कि खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष का गठन किया गया है एवं आकस्मिक खाद्यान्न कोष के तहत सभी पंचायत एवं वार्डों में 10,000 (दस -दस हजार) रूपये की राशि उपलब्ध कराई गई है.

सामान्य तौर पर इसके अंतर्गत लाभ ऐसे व्यक्ति को दिया जायेगा, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 से आच्छादित नही हो. परन्तु विशेष परिस्थिति में यदि कोई व्यक्ति को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत आच्छादित है, लेकिन किसी कारणवश उसे अनाज उपलब्ध नही हो पा रहा हो, तो उसे भी योग्य लाभुक माना जाता है एवं वैसे योग्य लाभुक को आकस्मिक परिस्थिति में प्रति योग्य लाभुक को 10 किलोग्राम चावल उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक पंचायत, वार्ड के संबंधित प्रतिनिधियों व अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है.

इसी कड़ी में उक्त कोष के माध्यम से वर्तमान में लॉकडाउन जैसी आकस्मिक परिस्थिति में योग्य लाभुकों अर्थात ऐसे निर्धन व असहाय व्यक्ति जो स्वयं तथा जिसके साथ रहने वाले कोई परिवारिक सदस्य जीविकोपार्जन करने में असमर्थ हो, उन्हें सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश उपायुक्त द्वारा दिया गया है. जिला अन्तर्गत सभी मुखिया को निर्देशित किया गया है कि सभी के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि वर्तमान में कोरोना वायरस से बचाव हेतु किये गए लॉक डाउन के वजह से किसी भी पंचायत अथवा वार्ड में एक भी व्यक्ति खाद्यान्न के अभाव में भूखा न रहे तथा ऐसे लोगों की पहचान होने पर उसकी सूचना अविलम्ब जिला प्रशासन को दें, ताकि ऐेसे लाभुकों को तुरन्त सहायता प्रदान की जा सके.

इसके अलावे उपायुक्त द्वारा जिला के सभी प्रबुद्ध वर्ग के लोगों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील की गयी है कि वे आगे आएं और संवेदनशीलता दिखाते हुए कोरोना वायरस से लड़ने में गरीबों व निर्धनों का सहयोग करें ताकि परस्पर सहयोग से कोरोना पर काबू पाया जा सके

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