सेन्हा. सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के सेरेंगहातु पंचायत अंतर्गत बरही ग्राम में अनोखे रूप से रंगों का त्योहार मनाया जाता है.जो ढेलामार होली के नाम पर प्रसिद्ध है.यह परंपरा सदियों से चला आ रहा है. बरही ग्राम में रंगों का त्योहार अनोखे रूप से समस्त ग्रामीणों द्वारा ढेला मार होली खेल कर मनाया जाता है.जो यह परंपरा सदियों पुराना है. साथ ही इस गांव में ग्रामीणों के सहयोग से एक नया परंपरा का शुरुआत भी किया गया है. नये दामादों का स्वागत जो इस क्षेत्र ही नही राज्य भर के लिए मिसाल पेश करता है.इस संदर्भ में पूर्व जिला परिषद सदस्य सह विहिप जिलाध्यक्ष रामलखन प्रसाद , ग्रामीण परमानंद महतो,महावीर प्रसाद साहू,बहादुर महतो सहित अन्य लोगों का कहना है कि झारखंड राज्य के बरही ग्राम में अनोखे रूप से रंग अबीर के बाद ढेलामार होली खेला जाता है और स्थानीय गाजे बाजे के साथ इस परंपरा को निभाते है, जिसमें महिला पुरुष बच्चे बच्चियां त्योहार का आनंद उठाते है. बताया जाता है कि ढेलामार होली में दैविक शक्ति का वरदान गांव के भक्तों को प्राप्त है, जो श्रद्धा भाव से इस रस्म में भाग लेते है.ग्रामीणों का कहना है कि ढेलामार होली में गांव के लोग भाग लेते हैं, जो देवी मंदिर के समीप फगुवा टांड में गड़ा हुआ खूंटे को उखाड़ कर भागते हैं, तो उन लोगों पर ढेला बरसाया जाता है. इसके अलावा इस गांव में नये दामादों का स्वागत कर एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. ढेलामार होली के दौरान किसी तरह का अप्रिय घटना ना हो, जिसके लिए पुलिस प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद थी.
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