किस्को़ स्वास्थ्य सुविधा को लेकर सरकार गंभीर होने का दावा करती है, लेकिन किस्को प्रखंड के देवदरिया पंचायत में दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) की स्थिति बेहद दयनीय है. डॉक्टरों और नर्सों की कमी के कारण स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से ताला लटका हुआ है. इससे पहाड़ी व सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है और ग्रामीण इलाज कराने के लिए 30 से 35 किलोमीटर दूर प्रखंड या जिला मुख्यालय जाने को विवश हैं. ग्रामीणों की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की आवश्यकता को देखते हुए करोड़ों की लागत से इस भवन का निर्माण कराया गया था. 16 जुलाई 2021 को उद्घाटन के बाद यहां 13 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गयी थी और संचालन की जिम्मेदारी सिटीजन फाउंडेशन को सौंपी गयी थी. लेकिन वर्ष 2022 से मानदेय का भुगतान बंद होने के कारण केंद्र धीरे-धीरे निष्क्रिय हो गया और 2024 में पूरी तरह बंद कर दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि करोड़ों की लागत से बना यह भवन अब केवल ‘हाथी के दांत’ की तरह साबित हो रहा है. इलाज के अभाव में मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं. इस पर नाराजगी जताते हुए पंचायत के मुखिया कामिल तोपनो ने उपायुक्त को आवेदन देकर स्वास्थ्य केंद्र को पुनः चालू करने की मांग की है. उनका कहना है कि यहां डॉक्टर और नर्स की तैनाती जल्द से जल्द की जानी चाहिए ताकि पहाड़ी इलाकों के लोग समुचित इलाज पा सकें. ग्रामीणों ने इसे जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों की घोर उपेक्षा का उदाहरण बताया है और कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि किस प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को ठगा जा रहा है.
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