लोहरदगा़ शहरी क्षेत्र स्थित कस्तूरबा गर्ल्स मिडिल व हाई स्कूल के समीप से राष्ट्रीय राज्य मार्ग 143 ए गुजरता है. इस विद्यालय में प्रतिदिन 3000 से अधिक छात्राएं साइकिल और पैदल दूर-दराज से पढ़ने आती हैं. बाइपास सड़क के अभाव में इसी मार्ग से भारी वाहनों के साथ-साथ छोटे वाहनों का भी लगातार परिचालन होता है, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए यहां स्पीड ब्रेकर तो बनाया गया है, लेकिन सड़क निर्माण के दौरान किनारे नाली बनाकर उस पर डाले गये सीमेंट के स्लैब की गुणवत्ता बेहद खराब है. निर्माण के कुछ ही दिनों के भीतर नाली पर लगाया गया स्लैब टूट गया, जो अब किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है. गंभीर हादसे की आशंका : तेज रफ्तार से गुजरने वाले छोटे-बड़े वाहनों और भारी ट्रकों से बचने के लिए छात्राएं सड़क किनारे बने स्लैब का सहारा लेकर चलती थीं. लेकिन स्लैब टूट जाने के बाद स्थिति और खतरनाक हो गयी है. कई छात्राएं टूटे स्लैब के कारण संतुलन बिगड़ने से गहरी नाली में गिर रही हैं, जिससे गंभीर हादसे की आशंका बनी हुई है. पूर्व सड़क सुरक्षा समिति सदस्य संजय बर्मन ने नगर परिषद और राष्ट्रीय राज्य मार्ग के अधिकारियों से मांग की है कि अविलंब मजबूत स्लैब लगवाया जाये. साथ ही शंखपुल में मौजूद गैप को भरने और पुल के आसपास टूटी सड़कों की मरम्मत कराने की भी आवश्यकता है. बावजूद इसके अब तक स्लैब की मरम्मत को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इससे छात्राओं को विद्यालय में सुरक्षित प्रवेश करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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