17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जतरा हमारी संस्कृति है : बिंदेश्वर उरांव

भंडरा-लोहरदगा : जतरा हमारी संस्कृति है तथा विरासत को अपने आने वाली पीढ़ी को सौंपने का माध्यम है. हम अपनी संस्कृति को बचा कर ही अपनी पहचान स्थायी रख सकते हैं. जतरा आयोजित होने वाला दिन तथा स्थल से हमारा इतिहास जुड़ा हुआ होता है. पझरी पहाड़ जतरा भी एक ऐतिहासिक पल के स्मृति में […]

भंडरा-लोहरदगा : जतरा हमारी संस्कृति है तथा विरासत को अपने आने वाली पीढ़ी को सौंपने का माध्यम है. हम अपनी संस्कृति को बचा कर ही अपनी पहचान स्थायी रख सकते हैं.
जतरा आयोजित होने वाला दिन तथा स्थल से हमारा इतिहास जुड़ा हुआ होता है. पझरी पहाड़ जतरा भी एक ऐतिहासिक पल के स्मृति में मनाया जाता है. पुराने समय में यह जतरा ग्रामीण कृषि श्रमिकों का अपने नये साल का काम शुरू करने का पहला दिन होता था. आज भी ग्रामीण परिवेश में आज के दिन से वार्षिक श्रम की शुरुआत करने का दिन होता है उक्त बातें ग्राम स्वराज मंच के जिला अध्यक्ष बिंदेश्वर उरांव ने पझरी जतरा में लोगों को संबोधित करते हुए कही. पझरी जतरा का शुभारंभ गांव के पाहन, पुजार एवं महतों के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पहाड़ के शीर्ष पर स्थित देव स्थल में पारंपरिक पूजा-पाठ कर की. पझरी जतरा में आये गांवों के खोड़हा समूहों को आयोजन समिति द्वारा सम्मानित किया गया.
पझरी जतरा में परंपरा के अनुसार मुर्गा लड़ाई का भी आयोजन किया गया. मौके पर अन्य वक्ताओं ने जतरा संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त किये. जतरा में स्थानीय लोगों द्वारा मुख्य अतिथि एवं अतिथियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया. पझरी जतरा में काफी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी, लोग मनचाहे सामान की खरीदारी किये एवं पहाड़ के मनोरम दृश्यों को निहारने के बाद कुछ लोग अपने को रोक नहीं सके और उत्सुकतावश पहाड़ पर चढ़ कर घंटों अपना समय बिताया. जतरा में महिलाओं एवं बच्चों ने जम कर खरीदारी की.मौके पर भुनेश्वर उरांव, वीरेंद्र उरांव, एतवा उरांव, महावीर उरांव सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें