फोटो- एलडीजीए- 6 अपने बगान में खड़े टाना भगत दंपति.किस्को/ लोहरदगा. किस्को प्रखंड क्षेत्र के सेमरडीह निवासी मंगल टाना भगत ने अपने पत्नी लक्ष्मी टाना भगत के साथ मिल कर 85 डिसमिल अपनी रैयती जमीन में 2007 में आम की खेती करना शुरू किया. मंगल टाना भगत को मेसो कार्यालय से आम्रपाली एवं मालदा पौधा लगाने के लिए अनुदान मिला था. इन्होंने कड़ी मेहनत कर आम पौधों को बचाया. आज वे अच्छा जीवन जी रही हैं. मंगल टाना भगत व लक्ष्मी टाना भगत का कहना है कि आम की खेती करने से पहले इनकी आर्थिक स्थिति खराब थी. आम के फसल होने के बाद ये आम का फल बेच कर आत्मनिर्भर हो गये. पूर्व में उनका पैतृक जमीन भी बंधिक था. आज वे सभी जमीनों को छुड़ा कर ऑटो तथा क ई भैंस अपने पास रखे हुए हैं. आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद टाना भगत परिवार अपने बच्चों क ो पढ़ाने-लिखाने में भी ध्यान दे रहा है. आज उनके दो बेटे व एक बेटी तथा बहू भी बीएस कॉलेज में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इस परिवार का छोटा बच्चा भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई कर रहा है. आम का फल बेच कर सालाना लगभग 40-50 हजार रुपये कमा लेता है. यह परिवार पूरी तरह आम की खेती में लगा रहता है. लक्ष्मी बताती है कि वह महिला मंडल से 1 लाख 93 हजार रुपये ऑटो लेने समय ऋण ली थी, जिसका भुगतान भी वह आम बेच कर कर दिया. टाना भगत परिवार आम की खेती कर क्षेत्र के लोगों के लिये प्रेरणास्रोत बन गया है. वह परिवार गरीब किसानों को आम की खेती लगाने की नसीहत देते हुए कहता है कि आत्मनिर्भर होने के लिए इस व्यवसाय को किसानों को अवश्य अपनाना चाहिए.
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::::: आम की खेती कर टाना भगत परिवार हुए आत्मनिर्भर
फोटो- एलडीजीए- 6 अपने बगान में खड़े टाना भगत दंपति.किस्को/ लोहरदगा. किस्को प्रखंड क्षेत्र के सेमरडीह निवासी मंगल टाना भगत ने अपने पत्नी लक्ष्मी टाना भगत के साथ मिल कर 85 डिसमिल अपनी रैयती जमीन में 2007 में आम की खेती करना शुरू किया. मंगल टाना भगत को मेसो कार्यालय से आम्रपाली एवं मालदा पौधा […]
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