– अमित राज –
कुडू (लोहरदगा) : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट के तहत संचालित विकास कार्यो में प्राथमिक उपचार के लिए खरीदी गयी 245 बैग दवा कीट प्रखंड कार्यालय में पड़ी रह गयी.
कीट बॉक्स में कई ऐसे दवा हैं जो वर्ष 2014 के फरवरी व मार्च में एक्सपायर हो रही है. दवा एक्सपायर हुई तो हजारों रुपये की लागत से खरीदी गयी दवा बेकार हो जायेगी.
6 माह से पड़ी है कार्यालय में
वर्ष 2013-14 में मनरेगा के तहत संचालित सिंचाई कूप खुदाई, भूमि समतलीकरण समेत अन्य विकास कार्यो में कार्य स्थल पर उपलब्ध कराने के लिए 245 कीट बॉक्स दवा खरीदी गयी थी. इस कीट बॉक्स में प्राथमिक उपचार, विटामीन समेत कई जीवन रक्षक दवा मौजूद है. एक कीट बॉक्स खरीद में लगभग 18 सौ रुपये का भुगतान दवा मुहैया कराने वाली एजेंसी को दी गयी.
दवा की खरीदारी जिला स्तर पर कराने की बात सामने आ रही है. बताया जाता है कि दवा कीट बॉक्स के लिए जिस कंपनी को आर्डर दिया गया था उसने डेढ़ माह बाद दवा उपलब्ध कराया. नतीजा विकास कार्यो तक कीट बॉक्स नहीं भेजा जा सका.
सरकारी राशि का दुरुपयोग
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के तहत आवंटित राशि का दुरुपयोग कहें या सरकारी मशीनरी की लापरवाही, दवा की आपूर्ति देर से क्यों की गयी? क्यों कार्य स्थल पर दवा नहीं भेजा गया? दवा एक्सपायर होने पर सरकारी राशि व्यर्थ जायेगी, इसके लिए कौन जिम्मेवार है. जांच से कई गड़बडी सामने आ सकता है.