लोहरदगा : उग्रवाद प्रभावित लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती इलाकों में रहनेवाले लोग खौफ के साये में जीवन जी रहे हैं. जिले के बुलबुल, सेन्हा व पेशरार थाना क्षेत्रों के जंगली इलाकों में उग्रवादियों ने जगह-जगह बारूदी सुरंग लगा रखे हैं, जिसकी चपेट में बराबर भोले-भाले ग्रामीण व जवान आ रहे हैं.
पिछले 15 दिनों के अंदर बारूदी सुरंग की चपेट में आने से तीन ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. तथा दर्जनों से ज्यादा ग्रामीण घायल हो चुके हैं. बुधवार को पुन: बारूदी सुरंग की चपेट में आने से सीआरपीएफ 158 बटालियन का जवान जो सर्च ऑपरेशन में गये थे. उसमें एक जवान घायल हो गया. उसका बायां पैर उड़ गया है. गंभीर स्थिति देख उसे रांची रेफर कर दिया गया है.
इन इलाकों में कभी उग्रवादियों का गढ़ हुआ करता था. लेकिन उग्रवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से क्षेत्र में पुलिस व सीआरपीएफ जवानों का अभियान शुरू हुआ, तो उग्रवादियों को यह इलाका छोड़ना पड़ा. इसके बाद पुलिस की आवाजाही कम हुई, तो उग्रवादियों की आवाजाही बढ़ी और पुलिस को उड़ाने की मंशा में उग्रवादियों ने जगह-जगह प्रेशर बम लगा दिये हैं. हालांकि इसकी जानकारी पुलिस को हो गयी, तो पुलिस उस इलाके में जाने में काफी सतर्कता बरतती है. लेकिन इस क्षेत्र के ग्रामीण जो मवेशी चराने या फिर जंगल से लकड़ी लाने जाते हैं, वे उसकी चपेट में आ जा रहे हैं.
मंगलवार को प्रेशर बम की चपेट में आने से पतगच्छा गांव निवासी जगदीश उरांव की 16 वर्षीय पुत्री जमुना कुमारी की मौत हो गयी थी तथा कई लोग घायल हो गये थे. इस घटना के बाद ही पुलिस व सीआरपीएफ जवान उसी केकरांग इलाके में सर्च अभियान में गये थे. इस दौरान केकरांग झरना के पास सीआरपीएफ 158 का जवान अभिजीत उरांव प्रेशर बम की चपेट में आ गया.
15 लाख का इनामी माओवादी उग्रवादी रवींद्र गंझू का दस्ता अभी सक्रिय है. वह कई बार पुलिस के साथ हुए मुठभेड में बच निकला है और पुलिस को उड़ाने के लिए पूरे इलाके में प्रेशर बम लगा रखा है.