रांची : सुखदेव भगत को लोहरदगा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का टिकट मिलना पक्का है! यह सवाल लोहरदगा के साथ-साथ रांची के राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए सुखदेव भगत ने नामांकन पत्र खरीद लिया है. भाजपा ने अब तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है, लेकिन सुखदेव के नामांकन प्रक्रिया के दूसरे ही दिन नॉमिनेशन फॉर्म खरीदने की खबर ने इस चर्चा को गर्म कर दिया है.
सुखदेव भगत के नामांकन पत्र खरीदने को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है, क्योंकि भाजपा और आजसू के बीच अब तक सीटों का तालमेल पूरा नहीं हो पाया है. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में सुदेश महतो की आजसू पार्टी के कमल किशोर भगत ने पराजित कर दिया था. कमल किशोर को 56,920 मत मिले थे, जबकि कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुखदेव भगत को 56,328 मत प्राप्त हुए. 13,510 वोट के साथ झामुमो के सुखदेव उरांव तीसरे स्थान पर रहे थे. चौथे स्थान पर जेवीएम की अनिता मिंज थीं, जिन्हें 4,123 मत हासिल हुए थे.
वर्ष 2015 में विधायक कमल किशोर भगत को डॉ केके सिन्हा के साथ मारपीट मामले में सजा हो गयी और उनकी विधायिकी चली गयी. इसके बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में सुखदेव भगत यहां से विधायक चुने गये. उन्हें 73,859 मत मिले थे. सुखदेव भगत के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही सियासी हलचल तेज हो गयी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा था कि अन्य दलों से भाजपा में आने वाले सभी लोगों का टिकट पक्का नहीं है.
उल्लेखनीय है कि लोहरदगा निर्वाचन क्षेत्र में पहले चरण में 30 नवंबर को मतदान होना है. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 13 नवंबर है. नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 14 नवंबर को होगी. 16 नवंबर तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकेंगे.