लोहरदगा : जिले में एक ओर गर्मी से आमलोग परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर नदी, नाले, तालाब सूख गये हैं. लोगों को पीने के पानी के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है. पशु पक्षी भी पानी के लिए परेशान हैं. स्थिति यह है कि कोयल नदी के सूख जाने से लोगों को दाह संस्कार में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
लोग चिता जलाने के बाद पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आते हैं या फिर अंतिम संस्कार के लिए पानी साथ में लेकर जाते हैं. कोयल नदी के सूख जाने के बाद नदी में जेसीबी से गड्ढा खोद कर किसी तरह पानी की व्यवस्था कर शहर में आपूर्ति की जा रही है. लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इधर पुराने जमाने के कुआं, तालाब सूख चुके हैं. शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी पानी के लिए परेशान हैं. इधर नगर परिषद क्षेत्र में अधिकांश चापाकल खराब हैं, जिनकी मरम्मत कराया जा रही है. गर्मी के इस मौसम में लोगों के रुटीन में पानी का जुगाड़ भी शामिल हो गया है. लोग इस समस्या का स्थायी निदान करना चाहते हैं, लेकिन अब तक जुगाडू व्यवस्था के तहत ही सारा काम होता रहा है. इधर जिले में जलाशयो का जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. नदियों से इस कदर बालू का उठाव हो रहा है कि कोयल नदी में बालू के स्थान पर पत्थर नजर आने लगे हैं. शहरी क्षेत्र में जलस्तर नीचे जाने का एक बड़ा कारण बड़ा तालाब की सफाई नहीं होना भी है. शहर के कई तालाब गायब हो चुके हैं. इन तालाबों के रहने से शहर में जलस्तर सामान्य हुआ करता था. कंक्रीट के जंगल खड़े हो गये हैं. हरियाली गायब होती जा रही है.