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झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण विधेयक पारित नहीं होने पर रोष

लोहरदगा. झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण विधेयक 2017 का विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पारित नहीं होने पर अभिभावकों में रोष व्याप्त है. झारखंड अभिभावक मंच के प्रांतीय प्रवक्ता सह लोहरदगा जिला प्रभारी संजय सर्राफ ने विधायकों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने अभिभावकों के हितों को ध्यान से रख कर […]

लोहरदगा. झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण विधेयक 2017 का विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पारित नहीं होने पर अभिभावकों में रोष व्याप्त है. झारखंड अभिभावक मंच के प्रांतीय प्रवक्ता सह लोहरदगा जिला प्रभारी संजय सर्राफ ने विधायकों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने अभिभावकों के हितों को ध्यान से रख कर यह विधेयक लायी थी, किंतु विधायकों के निजी स्वार्थ से विधेयक ठंडा बस्ता में पड़ गया है.

अभी तक कोई विधायकों ने निजी विद्यालयों की मनमानी के मुद्दों पर आवाज नहीं उठायी है. अब वे समिति में अपना कोटा चाहते है, उन्हें आमजनों के हितों से कोई लेना-देना है.

विधेयक पास होने से निजी विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लग जाता. अभिभावक मंच हमेशा विद्यालयों की मनमानी पर नियंत्रण लगाने की मांग करते रहा है. राजनीतिक दलों के जिम्मेवार लोगों ने इस विधेयक को लटकाने का काम किया है, जो अनुचित है. नये शैक्षणिक सत्र शुरू होते निजी विद्यालयों द्वारा मनमानी ढंग से फीस बढ़ाने की शिकायत आने लगती है.कानून लागू होने से निश्चित रूप से इस पर रोक लग सकें व अभिभावकों को राहत मिलेगी.

विधेयक की काॅपी अभिभावक मंच को भी मिलनी चाहिए थी, ताकि उसकी जानकारी आम अभिभावकों को मिल सके कि इसमें क्या प्रावधान किये गये तथा अभिभावकों को किस रूप से फायदा मिलेगा. रोष व्यक्त करनेवालों में ओंकार नाथ शाहदेव, दीपक सर्राफ, हेमंत कुमार, अनूप दास, विनय कुमार, पवन कुमार, राम प्रकाश मोदी, मो कैश, राहुल कुमार शामिल है.

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