आदिवासियों के कद्दावर नेता थे. उन्होंने देश के सारे आदिवासियों को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया था. वे बचपन से कुशाग्र बुद्धि के थे. शिक्षा से उनका काफी लगाव था. अध्ययन करने वे विदेश भी गये थे. स्व कार्तिक उरांव ने नौकरी छोड़कर राजनीति में आकर सभी वर्गों के हित में कार्य किया था. स्व कार्तिक उरांव आदिवासियों के मूल्यों की रक्षा एवं समाज को आगे बढ़ाने का कार्य किये थे.
उनके आदर्शों को अपनाकर समाज हित में काम करें. यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मौके पर आलोक कुमार साहू, सुनील भगत, नारायण भगत, बाजी उरांव, वितन उरांव, रामदेव उरांव, रामदयाल उरांव, कुलदीप खाखा, ठेमा पाहन, बुद्धिमान पुजार, सुरेंद्र महली, गोविंद कुजूर, बेदवा उरांव, फुलदेव उरांव, भोला उरांव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. इस अवसर पर विधायक श्री भगत ने पारंपरिक नृत्य में नगाड़ा बजाकर सहभागिता निभायी.