बैठक में प्रत्येक माह की पांच तारीख के पूर्व एमपीडब्ल्यू की सांगठनिक बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया, ताकि किसी भी तरह की समस्या का निदान विभाग में होनेवाले मासिक बैठक से पूर्व ही किया जा सके. बैठक में कहा गया कि बरसात में होनेवाली विभिन्न तरह की बीमारियों के निदान ग्रामीण क्षेत्रों में करने का हम सभी का नैतिक कर्तव्य है. एमपीडब्ल्यू की रिपोर्टिंग संबंधी विचार भी चर्चा की गयी.
अगर किसी प्रखंड में कर्मी के साथ परेशानी है, तो एक कमेटी उस प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मिल कर उसका समाधान करने पर पहल करेगी. बैठक में पिछले सप्ताह सड़क दुर्घटना में घायल रौशन जोसेफ टोप्पो व ताजे उरांव की यथाशीघ्र कुशल होने की कामना की गयी. पांच सितंबर को होनेवाली मासिक बैठक में सिविल सर्जन, भीबीडी सलाहकार एवं संबंधित पदाधिकारियों से अपनी समस्या से अवगत करने की बात कही गयी. बहुउद्देशीय कार्यकर्त्ता एमपीडब्ल्यू की अगली बैठक 24 सितंबर को होगी. मौके पर आलोक कुमार, मो सद्दाब कुरैशी, अकरम इरफान, मनीष प्रसाद केसरी, मंसूर अंसारी, सीताराम खेरवार, रामनरेश भगत, गंदूर उरांव, विकास कुमार महतो, कमलकांत मौर्य, सीताराम उरांव, तनवीर जकी अशरफ, अनुज कुमार सिन्हा, नितिन कुमार गुप्ता आफताब आलम, विनोद टाना भगत मौजूद थे.