उपायुक्त ने कहा कि जिला तो लगभग ओडीएफ हो गया, पंचायतों में शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण हो गया, लेकिन हमारा काम यहीं समाप्त नहीं हुआ है बल्कि जिम्मेवारी और बढ़ गयी है. शत-प्रतिशत ग्रामीणों से शौचालयों का उपयोग कराना हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है.
उपायुक्त ने कहा कि नौ से 15 अगस्त तक विशेष गतिविधि चलाना निधारित किया गया है जो गांव से लेकर पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर कार्यान्वित किया जाना है. उन्होंने कहा कि जिला को खुले में शौच से मुक्त कराने को लेकर ग्रामीणों की सोच एवं व्यवहार में परिवर्तन के लिए प्रेरक सहित हम सभी को समर्पण की भावना से कार्य करना होगा. ओडीएफ गांवों में मॉर्निंग फाॅलअप, व्यवहार परिवर्तन जागरूकता कैंप आदि लगाने का निर्देश दिया गया है. पेशरार, किस्को, भंडरा, लोहरदगा समेत सभी प्रखंड के संबंधित अधिकारी, कर्मचारी व अभियंता अपने-अपने पंचायत मुख्यालय में ही रह कर कार्य करें तथा 12 अगस्त तक शौचालय निर्माण कार्य का संबंधित पंचायत में ग्रामसभा के माध्यम से ओडीएफ घोषित करना तथा प्रमाण पत्र निर्गत कराना सुनिश्चित करें. उपायुक्त ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की राशि से प्रत्येक पंचायत के पांच विद्यालयों में हैंडवाश यूनिट, शोख्ता गड्ढा और रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनवाना सुनिश्चित किया जाये. बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रेयाज आलम, यूनिसेफ कंसल्टेंट अरविंद कुमार, बीडीओ संजय सांडिल, बीडीओ गौतम भगत, किस्को बीडीओ, सीओ अनुराग तिवारी, सीओ विशालदीप खलखो समेत संबंधित पंचायत के मुखिया, परवेज अंसारी समेत सभी फिल्ड अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे.