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जंगली जानवरों के अंगों की तस्करी के आरोप में तीन गिरफ्तार

पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के सीमावर्ती इलाके में छत्तीसगढ़ और झारखंड के बाघ व तेंदुआ के कॉरिडोर पर अंतरराज्यीय तस्करों का गिरोह सक्रिय है.

बेतला. पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के सीमावर्ती इलाके में छत्तीसगढ़ और झारखंड के बाघ व तेंदुआ के कॉरिडोर पर अंतरराज्यीय तस्करों का गिरोह सक्रिय है. पीटीआर से बाहर पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के चांदो जंगल में बाघ, तेंदुआ सहित अन्य जंगली जानवरों के शिकार का यह सिलसिला चल रहा था. जिनके तार पलामू, चाईबासा और राजस्थान से जुड़ा हुआ है. छह साल पहले एक बाघ व छह तेंदुआ का शिकार हुआ था. उनके खाल को चीन भेजा जाना था. इसका खुलासा हाल ही में जमशेदपुर के होटल इंद्रलोक में तेंदुआ के खाल के साथ गिरफ्तार तस्करों के पूछताछ में हुआ है. इस मामले में बुधवार देर रात पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र से तीन तस्करों को पकड़ा गया है, जिसमें चांदो के जाकिर अंसारी, दिनेश्वर सिंह और विजय यादव के नाम शामिल हैं. दिनेश्वर सिंह पारा शिक्षक है. वहीं विजय यादव चरवाहा है. इनके पास से हाइटेक स्प्रिंग फंदा, हिरण का सींग सहित अन्य जंगली जानवरों के अवशेष बरामद किया गया है. मामले में अभी मुख्य सरगना की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. तस्करी में अभी तक हुई गिरफ्तारी में अकेले पलामू के पांच लोग शामिल हैं. पकड़े गये अपराधियों की निशानदेही पर पीटीआर प्रबंधन और मेदिनीनगर वन प्रबंधन सक्रिय हो गया है. इसी मामले में एक सप्ताह पहले पलामू से हुसैनाबाद के राजकुमार राम और चैनपुर थाना क्षेत्र के विजय राम को गिरफ्तार किया गया था. मामले में जमशेदपुर के इंद्रलोक होटल से तेंदुआ की खाल के साथ जमशेदपुर निवासी अशोक विश्वकर्मा, चाईबासा निवासी आर्मी के जवान अरुणाचल प्रदेश में कार्यरत श्याम कुजूर और सुरेश कुजूर को गिरफ्तार किया है. वाइल्डलाइफ कंट्रोल ब्यूरो, दिल्ली को इसकी सूचना मिली थी कि झारखंड में तेंदुआ के खाल का कारोबार किया जा रहा है. इसके बाद वाइल्डलाइफ कंट्रोल ब्यूरो और जमशेदपुर वन प्रबंधन ने 13 अगस्त को जमशेदपुर के इंद्रलोक होटल से तेंदुआ के खाल के साथ जमशेदपुर निवासी अशोक विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर चाईबासा निवासी आर्मी के जवान श्याम कुजूर और सुरेश कुजूर को गिरफ्तार किया था. उक्त पांचों अपराधियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है. उनके ही निशानदेही पर पुनः पलामू से ही चांदो गांव के तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. रेंजर शंकर पासवान व उमेश दुबे ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों से कई अहम जानकारी मिली है.उसके आधार पर छानबीन की जा रही है.

राजस्थान के तस्करों दिया है प्रशिक्षण

पकड़े गये तीनों तस्करों ने वन विभाग और पुलिस के समक्ष कई खुलासे किये हैं. जाकिर अंसारी ने बताया कि वे लोग इस कारोबार में 20 वर्ष से अधिक समय से जुड़े हैं. कुछ समय पहले राजस्थान के तस्कर बंजारा के रूप में चैनपुर इलाके में आये हुए थे. उन लोगों के पास बाघ, तेंदुआ सहित अन्य जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए कई फंदे और हथियार मौजूद थे. राजस्थान के तस्करों ने जंगली जानवरों को पकड़ने की ट्रेनिंग दी थी. तेंदुआ को गोली से मारना आसान नहीं है, इसीलिए हाईटेक स्प्रिंग फंदा उनके लिए कारगर साबित हुआ. पकड़े गये तस्करों के अनुसार चांदो इलाके में तेंदुआ का आना-जाना लगा रहता है. पीटीआर से बाहर होने के कारण कोई पहरा भी नहीं होता है. जंगली जानवर की सभी गतिविधियों की जानकारी चरवाहा विजय यादव देता था.

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