लातेहार. जिले के लैम्पस में धान क्रय के लिए मात्र 11 दिन बचे हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अब तक लक्ष्य के अनुरूप मात्र 38.19 प्रतिशत ही धान की खरीदारी की जा सकी है. जिला आपूर्ति विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 दिसंबर से जिले में धान क्रय की शुरुआत की गयी है, जो 31 मार्च तक चलेगी. इस दौरान अब तक 76 हजार 386.54 क्विंटल धान की खरीदारी हो पायी है. जिले में प्रतिदिन औसतन 894.13 क्विंटल धान की खरीदारी हो रही है. जिले के 4629 किसानों ने धान क्रय के लिए निबंधन कराया है, जिसमें 1766 किसानों ने ही अपने धान की बिक्री की है.
39326.76 क्विंटल धान लैम्पस में पड़े हैं:
4629 किसानोम्की ओर से जिले के 26 लैम्पस में 76386.54 क्विंटल धान की खरीदारी कीम्यी है. इसमें मिलर द्वारा अब तक 37057.78 क्विंटल धान का उठाव किया गया है, जबकि जिले के विभिन्न लैम्पस में अब भी 39326.76 क्विंटल धान पड़े हैं. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 4629 किसानों में 1766 किसानों को प्रथम किस्त के रूप में 8.50 करोड़ 52,356.50 रुपये किसानों के खाते में भेजे जा चुके हैं. दूसरी किस्त के रूप में मात्र 584 किसानों को 2.84 करोड़ 53 हजार रुपया भेजा गया है. वहीं बोनस के रूप में 11.22 लाख 552.50 रुपये भेजे गये हैं. जबकि सरकार का सीधा निर्देश है कि धान बेचने के एक सप्ताह के भीतर किसानों को एमएसपी व बोनस के साथ धान का भुगतान करना है.यह है लैम्पस में धान नहीं बेचने का कारण:किसान सत्येंद्र प्रसाद, नरेश साव, संतोष यादव व प्रमोद कुमार ने बताया कि बाजार में धान की बिक्री प्रति क्विंटल 2000 रुपये हो रही है. लैम्पस में 2400 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदारी की जा रही है. यहां रुपया कब मिलेगा, यह निश्चित नहीं है. किसानों ने बताया कि लैम्पस प्रतिनिधियोम्की ओर से प्रति क्विंटल पांच किलो धान की कटौती की जाती है. लैम्पस में धान ले जाने का भाड़ा, लोडिंग और अनलोडिंग में प्रति क्विंटल 100 रम्ये का अतिरिक्त खर्च आता है. इस कारण किसान लैम्पस में धान नहीं बेचना चाहते हैं.
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