बालूमाथ. प्रखंड मुख्यालय समेत मुरपा, बालू, झाबर, सेरेगड़ा आदि गांव में चार दिनों तक चलनेवाले चैती छठ महापर्व नहाय-खाय के साथ मंगलवार से शुरू हो गया. मंगलवार को व्रतियों ने तालाब, नदी, कुवा समेत कई पवित्र स्थलों पर स्नान किया, तत्पश्चात अरवा चावल, चना का दाल एवं कद्दू की सब्जी को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. इस दौरान व्रतियों के घरों में महापर्व की तैयारी को लेकर गेहूं को साफ पानी से धोकर सुखाया गया. वहीं मंगलवार को बाजार में सूप, दौरा व पूजन सामग्री की खरीदारी की गयी. पंडित देवांश पांडेय ने बताया कि मंगलवार को नहाय-खाय के साथ व्रत की शुरुआत हुई. बुधवार को खरना और गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया जायेगा. शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को व्रति अर्घ देंगे. इसके बाद व्रति पारण करेंगे. उन्होंने कहा कि छठ महापर्व निर्जला उपवास रखकर करनेवाला महापर्व है. इसमें साफ-सफाई एवं पूजा को पाक साफ रखने के लिए कई छोटी-छोटी व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जाता है.
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