बरवाड़ीह. झारखंड में पेसा नियमावली बनाने की मांग की लेकर संयुक्त ग्रामसभा मंच के बैनरतले पूर्वी जिप सदस्य कन्हाई सिंह के नेतृत्व में गुरुवार को प्रखंड कार्यालय का घेराव किया गया. घेराव कार्यक्रम में मोरवाई, लात, मंडल, झरना, मुंडू, हरातू, टोंगरी, करमडीह, सेरेनदाग, कुचिला व छिपादोहर समेत तीन दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण शामिल हुए. इससे पहले अपनी मांगों को लेकर पुराना ब्लॉक परिसर से ग्रामीणों ने रैली निकाली, जो मुख्य मार्ग होते हुए बस स्टैंड, आंबेडकर चौक बाजार समेत अन्य मार्गों से होते हुए प्रखंड कार्यालय परिसर पहुंची. रैली के बाद सभा हुई. जिप सदस्य ने कहा कि पेसा कानून बने 29 साल हो गये, लेकिन झारखंड में अब तक पैसा नियमावली बनकर तैयार नहीं हुई है. यह आदिवासियों-मूलवासियों के साथ सरासर अन्याय है. उन्होंने कहा कि हमारा सपना नीलांबर-पीतांबर, बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू के गांव गणराज्य की स्थापना करना है. वर्तमान में जबरन हमें गैर पारंपरिक प्रशासनिक व्यवस्था के अधीन रखा गया है. ग्रामसभा जैसी पारंपरिक संस्था को शक्ति विहीन कर दिया गया है. पेसा कानून का मुख्य उद्देश्य है कि गांव के फैसले खुद ग्रामसभा ले, लेकिन आज भी सरकारी विभाग और प्रशासनिक शक्तियां गांव पर हावी आदिवासी इलाकों में बिना ग्राम सभाओं की सहमति के बिना खनन परियोजनाएं और उद्योग लगाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामसभा को वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां नहीं मिलने से वह सिर्फ नाम मात्र की संस्था बन कर रह गई हैं. इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज को राज्यपाल को संबोधित 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. मौके पर मरियम टोपनो, वीरेंद्र सिंह, सोहन सिंह व पुशान सिंह समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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