संतोष कुमार. बेतला. झारखंड के दलमा के इलाके में पलामू टाइगर रिजर्व में गये बाघ को वापस लाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए पीटीआर प्रबंधन ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसकी मंजूरी मिलने के तुरंत बाद बाघ को पीटीआर में लाया जायेगा. दलमा के इलाके में मौजूद बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में लाया जायेगा. इस दौरान वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की एक टीम भी मौजूद रहेगी. ज्ञात हो कि पलामू टाइगर रिजर्व का एक बाघ पिछले कुछ महीनों से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया और झारखंड के दलमा के इलाके में अपना ठिकाना बनाये हुए है. बाघ की मॉनिटरिंग के लिए पलामू टाइगर रिजर्व की एक स्पेशल टीम भी दलमा के इलाके में कैंप कर रही है. बताया जा रहा है कि पलामू टाइगर रिजर्व से दलमा के बीच एक प्राकृतिक कॉरिडोर है, जिसके माध्यम से बाघ दलमा पहुंचा है. जानकारों की मानें तो दलमा के इलाके में बाघों के लिए शिकार नहीं है. बाघ अपनी भूख को मिटाने के लिए मवेशी का शिकार कर रहा है. हिरण, चीतल, नीलगाय, बायसन जैसे जंगली जीव कम है. बाघ ज्यादातर इन्हीं जानवरों का शिकार करता है. दलमा से सटा हुआ एक बड़ा इलाका शहरी आबादी वाला है. इस कारण बाघ पर खतरा मंडरा रहा है.दलमा का इलाका हाथियों के लिए चर्चित है. जबकि पलामू टाइगर रिजर्व बाघों के लिए सुरक्षित एरिया घोषित है. यह इलाका बाघों के लैंडस्केप कॉरिडोर से जुड़ा हुआ है. पीटीआर से सतपुड़ा के जंगल तक बाघों का कॉरिडोर है. कुछ दिनों पहले ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व ने झारखंड-ओडिशा बॉर्डर से एक बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया था. हालांकि बाद में बाघिन वापस उसी इलाके में लौट गयी थी. बाघ 400 से 500 किलोमीटर में अपने कॉरिडोर को विकसित करता है. पीटीआर में सात बाघों के होने की हुई है पुष्टि: पलामू टाइगर रिजर्व में सात बाघों के मौजूद रहने की पुष्टि हो चुकी है. पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन के द्वारा बाघों पर कड़ी निगरानी की जा रही है. जब पिछले कुछ दिनों से पीटीआर में एक बाघ की गतिविधि नजर नहीं आने लगी तब पदाधिकारियों में चिंता व्याप्त हो गयी थी.लेकिन दलमा में बाघ देखे जाने की पुष्टि होने के बाद विशेषज्ञों की टीम ने उसका ट्रैकिंग किया इसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि वह बाघ पलामू टाइगर रिजर्व से आया है. क्या कहते हैं डिप्टी डायरेक्टर: डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जेना ने कहा कि दलमा के बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व में लाने की तैयारी की गयी है. इसके लिए एनटीसीए को पत्र लिखा गया है जैसे ही वहां से स्वीकृति मिलेगी एक विशेष टीम के द्वारा बाघ को ट्रेंकुलाइज कर वापस पीटीआर में लाया जायेगा.
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