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498 रैयतों को 48 करोड़ का भुगतान कर चुका है विभाग
टोरी-शिवपुर रेलवे लाइन भूमि अधिग्रहण में घोटाला सुनील कुमार लातेहार : टोरी-शिवपुर रेलवे लाइन निर्माण में लातेहार जिला के टोरी एवं बालूमाथ अंचल की कुल 505 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गयी है. चार फेज में हुए इस अधिग्रहण में कुल 82 करोड़ 56 लाख 43 हजार 267 रुपये जिला भू-अर्जन कार्यालय, लातेहार को भारतीय रेलवे […]
टोरी-शिवपुर रेलवे लाइन भूमि अधिग्रहण में घोटाला
सुनील कुमार
लातेहार : टोरी-शिवपुर रेलवे लाइन निर्माण में लातेहार जिला के टोरी एवं बालूमाथ अंचल की कुल 505 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गयी है. चार फेज में हुए इस अधिग्रहण में कुल 82 करोड़ 56 लाख 43 हजार 267 रुपये जिला भू-अर्जन कार्यालय, लातेहार को भारतीय रेलवे से प्राप्त हो चुका है. यह राशि 766 रैयतों के बीच बांटा जाना है. मालूम हो अभी तक कुल 498 रैयतों के बीच कुल 47 करोड़ 90 लाख 13 हजार 26 रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इस भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई है.
घोटाला उजागर होने के बाद कई कर्मियों का हुआ तबादला : भू-अर्जन कार्यालय के तमाम कर्मियों को उपायुक्त ने प्रभात खबर में प्रकाशित खबर पर गंभीरता दिखाते हुए अन्यत्र तबादला कर दिया है,
ताकि जांच कार्य प्रभावित नहीं हो. अपर समाहर्ता नेलशम एयोन बागे, अनुमंडल पदाधिकारी वरुण रंजन एवं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एफ बारला को उपायुक्त ने जांच का जिम्मा सौंपा है. चर्चा है कि छोटी मछलियां तो पहली बार में ही शिकार हो गयी और उनके खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी, लेकिन बड़ी मछलियों पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हो पायी है. यह भी कहा जा रहा है कि भूमि मापी करने वाले बलि का बकरा बना दिये गये हैं, लेकिन जिला भू-अर्जन कार्यालय में किसी भी कर्मी तक जांच नहीं पहुंच पायी है.
बताया जा रहा है कि फरजी दस्तावेजों के माध्यम से कई फरजी रैयतों को भू-अर्जन का मुआवजा दिलाने का काम किया गया है, जिसमें अंचल से लेकर भू-अर्जन कार्यालय तक के कर्मियों की संलिप्तता है. हालांकि उपायुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता का कहना है कि जांच में थोड़ा समय लगेगा और घोटालों में शामिल किसी भी स्तर के पदाधिकारी बख्शे नहीं जायेंगे.
उधर, इस्ट सेंट्रल रेलवे शीघ्र भू-अर्जन की कार्रवाई पूरी करने का अनुरोध कर रहा है. जबकि इस घोटाले के उजागर होने से प्रशासन सकते में आ गया है. रेलवे के लिए अधिग्रहित करीब 10 एकड़ भूमि को चंदवा के अंचल कर्मियों ने अभिजीत ग्रुप से सांठ-गांठ करके हस्तांतरित कर दिया है.
नतीजा अभिजीत ग्रुप के पावर प्लांट के कुछ हिस्से को हटाने की जरूरत पड़ रही है. अभिजीत ग्रुप को साल भर पूर्व ही अतिक्रमण भूमि पर से निर्माण को हटाने का आदेश किया जा चुका है.
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