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बांग्लादेश जेल में 12 साल तक था बंद, बीस साल बाद घर लौटा
करीब बीस साल पहले विक्षिप्त अवस्था में घर से निकल गया था महेंद्र पुलिस ने उसके बड़े भाई को सौंपा बरवाडीह : लातेहार के हुंडरू गांव निवासी महेंद्र सिंह (46) बीस साल के बाद अपने घर लौट कर आया है. वह विक्षिप्त हालत में है और कुछ भी ठीक से नहीं बता पा रहा है. […]
करीब बीस साल पहले विक्षिप्त अवस्था में घर से निकल गया था महेंद्र
पुलिस ने उसके बड़े भाई को सौंपा
बरवाडीह : लातेहार के हुंडरू गांव निवासी महेंद्र सिंह (46) बीस साल के बाद अपने घर लौट कर आया है. वह विक्षिप्त हालत में है और कुछ भी ठीक से नहीं बता पा रहा है. उसे अपने घर का पता भी ठीक से मालूम नहीं था. 168 बीएसएफ बटालियन के एसआइ बीके सिंह ने बताया कि महेंद्र बीस साल पहले अवैध रूप से बार्डर पार कर बांग्लादेश पहुंच गया था. कुछ साल बाद उसे बांग्लादेश पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था. उसे 12 साल की सजा हुई थी. सजा खत्म होने के बाद बांग्लादेश की पुलिस ने पांच दिन पहले महेंद्र को त्रिपुरा बार्डर पर बीएसएफ को हैंड ओवर कर दिया था. इसके बाद पता चला कि वह बरवाडीह प्रखंड के केड़ गाड़ का रहने वाला है.
इसके बाद बरवाडीह थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह से बात की और महेंद्र को बरवाडीह लेकर आ गये. केड़ गाड़ी में महेंद्र का ससुराल है और यहां अब कोई भी नहीं रहता है. कुछ लोगों ने बताया कि महेंद्र लातेहार का रहने वाला है, जिसके बाद बरवाडीह पुलिस एवं लातेहार पुलिस ने महेंद्र के परिजनों का पता लगा कर बरवाडीह थाना में बुलाया. महेंद्र के बड़े भाई महावीर सिंह ने बताया कि शादी के बाद से महेंद्र अपने ससुराल में ही रहता था और जब इसकी पत्नी का देहांत हुआ तो महेंद्र की दिमागी हालत खराब हो गई थी और वह कहीं निकल गया था. उसके बाद काफी खोजबीन की गयी लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया. इसके बाद लातेहार थाने को सूचना दी गयी. त्रिपुरा से महेंद्र को बरवाडीह लाने वालो में 168 बीएसएफ बटालियन के एसआइ बीके सिंह, गोपाल कुमार एवं शैलेश उरांव हैं. इस संबंध में बरवाडीह एसडीपीओ मंगल सिंह जामुदा एवं थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह ने बताया कि महेंद्र को उसके भाई महावीर सिंह को सौंप दिया गया है.
‘प्रभात खबर’ की कटिंग लेकर आये थे बीएसएफ के अधिकारी
लातेहार के महेंद्र सिंह के बांग्लादेश जेल में बंद होने की खबर 15 सितंबर 2015 को प्रभात खबर ने प्रकाशित की थी. इस खबर की कटिंग लेकर बीएसएफ के अधिकारी बरवाहीड पहुंचे थे. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें प्रकाशित खबर के माध्यम से महेंद्र को यहां लाने में आसानी हुई, क्योंकि महेंद्र कुछ भी ठीक से बता पाने में असमर्थ है.
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