बेतला : बेतला नेशनल पार्क में अज्ञात बीमारी के कारण दुर्लभ पक्षियों की लगातार मौत हो रही है. वन विभाग मृत पक्षियों का पोस्टमार्टम कर मौत के कारणों का पता लगाने में जुटा है. पिछले तीन दिनों में दो हरियाल पक्षी मृत पाये गये. हालांकि उनकी मौत कैसे हुई है, इसका खुलासा नहीं हो सका है. इससे पूर्व मैना, चील, तीतर बटेर, बगुला सहित अन्य पक्षियों की भी मौत हो चुकी है.
वन विभाग के बड़े पदाधिकारियों ने मामले की जांच कराने का आदेश दिया है. आशंका जतायी जा रही है कि किसी खतरनाक बीमारी की चपेट में बेतला नेशनल पार्क न आ जाये. ज्ञात हो कि बेतला नेशनल पार्क में न सिर्फ दुर्लभ पक्षी, बल्कि सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी रहते है. आंकड़ों के मुताबिक, यहां 174 प्रकार के पक्षियों की प्रजाति पायी जाती है.
इनमें हरियाल के अलावा लंबी पूछवाली बुलबुल, काले रंगवाले भुजंग, रेक्टल डेंगू, काला तीतर, बटेर,काला बगुला, किंगफिशर, पिग्मी किंगफिशर के अलावा पनडुब्बी पंडूक पीलक, पपीहा, मोर, चील, उल्लू,कबूतर मोर गोरैया आदि शामिल हैं. इतना ही नहीं, कई प्रवासी पक्षी भी यहां आते हैं, जो पार्क क्षेत्र के प्राकृतिक जलाशयों व कमलदह झील के आसपास विचरण करते दिखायी पड़ते हैं.
कीटनाशक दवा भी हो सकते हैं मौत का कारण : जानकार बताते हैं कि किसानों द्वारा खेतों में फसल की सुरक्षा के लिए कीटनाशक दवा का इस्तेमाल किया जाता है. जंगल से सटे गांव के खेतों में जब पार्क के पक्षी दाना चुगने जाते हैं, तो कीटनाशक दवा भी खा लेते हैं. इस कारण भी पक्षियों की मौत होने की आशंका जतायी जा रही है. मृत चूहा खाने से बड़ी संख्या में कौआ भी मर रहे हैं.
गुलेल से मारे जाते हैं पक्षी : बेतला नेशनल पार्क से सटे हुए गांव में कई लोग पक्षियों को पकड़ कर बेच भी देते हैं. वहीं कुछ लोग गुलेल से उनका शिकार भी करते हैं. चारे की खोज में जैसे ही पक्षी गांव की ओर रुख करते हैं, वहां पहले से घात लगाये शिकारियों द्वारा उन्हें मार दिया जाता है.