सरना सरहुल महोत्सव पर प्रखंड स्तरीय कार्यक्रम
गारू (लातेहार) : धरती, जल, जंगल सीधे तौर पर हमारे पूर्वजों की देन है. उक्त बातें बीडीओ देवराम भगत ने सरना सरहुल महोत्सव पर प्रखंड स्तरीय आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि वन जंगल ,पहाड़, नदियां आदि प्रकृति प्रदत्त हमारी धरोहर हैं. ये धरोहर हमारे पूर्वजों ने बचाकर हमें दिया है. हमारा भी कर्तव्य है कि आने वाली पीढ़ी के लिए पेड़ पौधों व वन्य जीवों को बचायें, तभी सरना पूजा की सार्थकता पूरी होगी.
रेंजर अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पेड़ पौधे से धरती पर जीवन सुरक्षित है. इन जल जंगल पेड़ पौधे के बिना धरती में जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. इसलिए सभी मिलकर पौधे लगायें और बचायें. रेंजर भोला प्रसाद सिंह ने कहा कि सरना पूजा सीधे तौर पर प्रकृति की पूजा है. बीस सूत्री अध्यक्ष मंगल उरांव ने कहा कि जहां पेड़ पौधे होते हैं वहां अच्छी बारिश होती है. वहां के लोग सुखी संपन्न होते हैं.
कार्यक्रम को प्रमुख भविता देवी ने भी संबोधित किया. इस मौके पर कोयल नदी के तट पर मंचीय कार्यक्रम का शुभारंभ साल वृक्ष की विधिवत पूजा कर एवं सरना का प्रतीक झंडा फहराकर किया गया. मौके पर सरस्वती शिशु मंदिर के छात्राओं ने मुख्य अतिथियों का स्वागत गान से किया.
इससे पहले आवासीय हाई स्कूल के समीप सरना स्थल पर बैगा सूर्यनाथ सिंह के साल वृक्ष की पूजा पलास के फूल से की गयी. इसके बाद देवी मंडप धाम में हवन पूजन किया गया. रेंजर अशोक कुमार सिंह, भोला प्रसाद सिंह एवं प्रमुख ने संयुक्त रूप से शोभा यात्रा का शुभारंभ किया. शोभा यात्रा में शामिल हजारों महिला, पुरुष, युवक-युवतियों ने मांदर व नगाड़े की थाप पर नृत्य किया. मंच का संचालन मोहनलाल उरांव ने किया.