झुमरीतिलैया.निर्जला एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने उपवास रखा और भगवान विष्णु की आराधना की. वहीं मंदिरों में घंटे की गूंज और हरि नाम से वातावरण भक्तिमय हो उठा. शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी व्रतियों ने पांच से सात दिनों तक चलनेवाले अनुष्ठान में हिस्सा लिया. कई स्थानों से कलशयात्रा निकली. वहीं प्रवचन, भजन संध्या और रात्रि जागरण से माहौल भक्तिमय बना रहा. यहां श्रद्धालुओं की उमड़ी रही. आचार्यों व कथा वाचकों ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि निर्जला एकादशी वर्ष की सबसे शक्तिशाली एकादशी है. इसे करने से वर्ष भर की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में सुख-शांति और प्रसन्नता बांटना सीखें. इससे जीवन आनंद से भर जाता है. तिलैया सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों में प्रातःकालीन स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ तालाबों, नदियों और सरोवरों में लगी रही. स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत कथा सुनी गयी. श्रद्धालुओं ने ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र और दक्षिणा देकर पुण्य अर्जित किया. बाबा श्याम दरबार बना आकर्षण का केंद्र: अड्डी बंगला रोड स्थित निवास स्थल पर एकादशी उद्यापन के उपलक्ष्य पर ज्योत प्रज्वलन के साथ भक्ति संध्या का आयोजन किया गया. आचार्य अनिल मिश्रा ने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करायी. यजमान के रूप में मीरा एवं प्रदीप खाटूवाला परिवार उपस्थित थे. भक्ति संध्या का प्रमुख आकर्षण रहा बाबा श्याम का भव्य दरबार को जिसे फूलों व दीपों से सजाया गया था. गिरिडीह से आये गायक कलाकार आकाश एवं परिचय ने प्यारे सा मुखड़ा.., घुंघराले केश.., कलयुग का राजा खाटू नरेश..और मन की बात आज सांवरिया सुना कर देख.. जैसे भजन गाकर श्रद्धालुओं को खूब झूमाया. मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद थे.
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