कोडरमा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में व्यवहार न्यायालय कोडरमा परिसर में सभी न्यायिक पदाधिकारियों, न्यायालयकर्मियों द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना को सामूहिक रूप से पढ़ा गया तथा भारतीय संविधान को सर्वोच्च एवं अक्षुण्ण बनाये रखने का संकल्प लिया. कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा बालकृष्ण तिवारी ने किया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालकृष्ण तिवारी ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जिसे उपस्थित न्यायिक पदाधिकारियों, न्यायालयकर्मियों द्वारा दुहराया गया. इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालकृष्ण तिवारी ने कहा कि देश के सभी नागरिकों को अपने अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए अपने अपने दायित्वों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने का संकल्प आज के दिन लेना चाहिए. यही संविधान दिवस की सबसे बड़ी सार्थकता होगी. उन्होंने कहा कि किसी दिवस को बार-बार मनाने की प्रासंगिकता यह है कि हम उससे कुछ सीख लें. अपने संबोधन में प्रधान जिला जज ने कहा कि भारतीय संविधान में उल्लेखित अधिकारों एवं कर्तव्यों का पालन करना हर व्यक्ति की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. श्री तिवारी ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को हमारे देश का सबसे अनोखा संविधान को अंगीकृत किया गया और तब से प्रत्येक 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. संचालन न्यायलयकर्मी रणजीत कुमार सिंह ने किया. मौके पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अमितेश लाल, जिला जज प्रथम गुलाम हैदर, जिला जज द्वितीय संजय कुमार चौधरी, जिला जज तृतीय राकेश चंद्रा, सी.जे.एम अमित कुमार वैश, ए.सी.जे.एम. मनोरंजन कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौतम कुमार, मुन्सिफ मिथिलेश कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी शिवांगी प्रिया, ज्योत्सना पाण्डेय, नमिता मिंज सहित सभी न्यायालयकर्मी व पीएलवी मौजूद थे.
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