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प्रशासनिक सख्ती से कोडरमा जिले का बढ़ा राजस्व, अवैध खनन में 2 करोड़ रू. वसूला गया जुर्माना, जानें अब तक कितनी राशि जमा हुई

चालू वित्तीय वर्ष में उठाये गये प्रशासनिक कदम व लगातार हो रही कार्रवाई ने खनन विभाग के खजाने में इजाफा कर दिया है. यही कारण है कि फरवरी 2021 तक खनन विभाग को करीब 11 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है. वैसे विभाग द्वारा 21 करोड़ राजस्व हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें 17 करोड़ तक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है. ऐसे समय में जब वैध पत्थर खदानों व क्रशर इकाईयों की संख्या लगातार जिले में कम हो रही है, तो राजस्व बढ़ने से कई मायने निकल कर सामने आ रहे हैं.

Jharkhand News, Koderma News कोडरमा : पर्यावरणीय स्वीकृति के इंतजार व नियमों के पालन की पेंच से भले ही खनन उद्योग कोडरमा की धरती पर कराह रहा है, पर प्रशासनिक सख्ती ने खनन विभाग के राजस्व में उछाल जरूर ला दिया है. कुछ वर्षों से वैसे खनन विभाग कोडरमा अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल नहीं कर पा रहा है, लेकिन इस बार विभाग लक्ष्य के नजदीक पहुंचने की स्थिति में जरूर है.

चालू वित्तीय वर्ष में उठाये गये प्रशासनिक कदम व लगातार हो रही कार्रवाई ने खनन विभाग के खजाने में इजाफा कर दिया है. यही कारण है कि फरवरी 2021 तक खनन विभाग को करीब 11 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है. वैसे विभाग द्वारा 21 करोड़ राजस्व हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें 17 करोड़ तक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है. ऐसे समय में जब वैध पत्थर खदानों व क्रशर इकाईयों की संख्या लगातार जिले में कम हो रही है, तो राजस्व बढ़ने से कई मायने निकल कर सामने आ रहे हैं.

खास कर अवैध खनन पर बरती गयी सख्ती को लेकर चर्चा तेज है. जानकार लोगों की मानें, तो प्रशासनिक सख्ती का आलम यही रहा, तो आने वाले समय में राजस्व और बढ़ सकता है. जानकारी के अनुसार जिले में अब तक पत्थर खदानों की मापी कर निकाले गये खनिज संपदा व चालान का मिलान कर जांच नहीं की गयी थी,

लेकिन डीसी रमेश घोलप के निर्देश पर पिछले आठ माह में इस दिशा में सख्ती से कार्रवाई हुई, तो अलग तस्वीर सामने आयी. पहले जून 2020 में पांच पत्थर खदानों की मापी की गयी, तो करीब एक करोड़ की रॉयल्टी चोरी का मामला सामने आया. उस समय पांच खदानों के आठ संचालकों पर करीब 97 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से अब तक 15 लाख रुपये जमा हो चुके हैं. अन्य खदान संचालकों द्वारा राशि जमा नहीं किये जाने पर विभाग स्तर से नोटिस जारी किया गया है.

जुर्माना राशि मार्च तक जमा नहीं किये जाने पर खनन पट्टे का लीज रद्द करने की कार्रवाई होगी. साथ ही सर्टिफिकेट केस होगा. वहीं फरवरी 2021 में अन्य खदानों की मापी प्रक्रिया पूरी होने पर सात खदान संचालकों द्वारा रॉयल्टी चोरी का मामला सामने आया. डीसी के निर्देश पर इनके विरुद्व करीब एक करोड़ चार लाख का जुर्माना विभाग ने लगाया है, जिसमें से 26 लाख रुपये जमा हो चुके हैं.

इसके अलावा मंजीत मेहता के एक खदान की मापी प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इससे इतर जिले में पूरे वर्ष अवैध खनिज पदार्थ ले जाने वाले वाहनों को जब्त कर केस किये जाते रहे. 11 माह में अब तक 112 वाहनों को विभाग ने जब्त किया है, जबकि 48 एफआइआर व कंप्लेन केस दर्ज किये गये हैं.

इन वाहनों पर ही जुर्माना लगा कर करीब दो करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया गया है. ज्ञात हो कि गत वित्तीय वर्ष में राज्य मुख्यालय ने खनन विभाग कोडरमा के लिए 29 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें से मात्र 10.16 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई थी. स्थिति को देख चालू वित्तीय वर्ष के लिए विभाग ने 21 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया, जिसमें से अब तक 11 करोड़ की प्राप्ति हो चुकी है और छह करोड़ प्राप्त होने की पूरी उम्मीद है.

नियम संगत कार्य करने में कोई परेशानी नहीं है, पर नियम कानून को दरकिनार कोई काम करेगा, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. जहां तक बात अवैध खनन की है, तो जांच पड़ताल के बाद जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई की जा रही है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी हाल में गलत काम नहीं हो. इसके लिए बकायदा खनन टास्क फोर्स की टीम को निर्देशित किया गया है. प्रशासनिक कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

रमेश घोलप, उपायुक्त कोडरमा

Posted By : Sameer Oraon

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