कोडरमा. भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी संस्था (इफको) द्वारा चोपनाडीह में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. गाेष्ठी में इफको क्षेत्र पदाधिकारी ने तरल नैनो यूरिया और तरल डीएपी के बारे में विस्तार बताया. कहा कि यह परंपरागत बोरे वाले उर्वरकों की तुलना में अधिक प्रभावशाली और फसल के लिए लाभकारी है, इसकी कम मात्रा में ही अधिक परिणाम मिलते हैं. साथ ही मिट्टी की सेहत को बनाये रखने के लिए जैव उर्वरकों की महत्ता पर भी जोर दिया गया. कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर जैसे द्वितीय पोषक तत्वों की कमी से होने वाले लक्षणों और उसके लाभों पर चर्चा करते हुए प्रति एकड़ में इनकी मात्रा की जानकारी भी दी गयी. एसएफए कोडरमा के विजय कुमार ने किसानों को सागरिका बाल्टी एवं तरल सागरिका के लाभों से अवगत कराया. मौके पर चोपनाडीह की मुखिया पूनम देवी, पैक्स अध्यक्ष रामचंद्र यादव, बीज भंडार के विक्रेता प्रयाग यादव, किसान मित्र नंदलाल यादव, सिबरम यादव, धनपत यादव, उर्मिला देवी, संगीता देवी सहित 60 से अधिक महिलाएं व पुरुष मौजूद थे.
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