जयनगर : काम नहीं करने वाले तथा विकास की राह में रोड़ा बनने वाले अधिकारी बख्शे नहीं जायेंगे. उक्त बातें प्रो जानकी यादव ने विद्युत विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कही. उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग के अधिकारी जन प्रतिनिधियों की बातों को नहीं सुनते हैं.
पदाधिकारी अपनी कार्य शैली में सुधार लायें, अन्यथा उन पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि गोदखर पावर सब स्टेशन से जयनगर प्रखंड के आठ-नौ पंचायतों में विद्युत आपूर्ति के लिए उनकी पहल पर प्राक्कलन तैयार हुआ, इसे स्वीकृति भी मिली, मगर उस समय के कोडरमा के अधीक्षण अभियंता की लापरवाही के कारण आज तक काम नहीं शुरू हुआ है, जबकि इसके लिए उनके द्वारा बार-बार आग्रह किया गया.
इसके लिए जीएम कार्यालय गिरिडीह में लोहा का पोल भी मंगाया गया, मगर जीएम की लापरवाही के कारण काम शुरू नहीं हो सका. वहीं सतडीहा पंचायत के ग्रामीण स्वयं चंदा कर ट्रांसफारमर लाने जीएम कार्यालय गिरिडीह गये. वहां दो दिन रूके भी मगर ट्रांसफारमर नहीं मिला.
प्रो यादव ने कहा कि इस प्रश्न को उन्होंने अनुश्रवण समिति की बैठक में भी उठाया था. उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग के साथ-साथ पेयजल एवं स्वच्छता विभाग भी लोगों को पानी उपलब्ध कराने में विफल साबित हो रहा है. परसाबाद में बने जलमीनार से मात्र कुछ गांवों को पानी मिल रही है, जबकि बड़की धमराय में जल मीनार का आधा काम भी नहीं हुआ है और पांच करोड़, 78 लाख की राशि निर्गत कर ली गयी है.
जयनगर में कुल 13 ट्रांसफारमर जले पड़े हैं. उन्होंने कहा कि दोनों विभाग की कार्य शैली से मुख्यमंत्री रघुवर दास को अवगत करा दिया गया है. अब भी इनकी कार्यशैली नहीं सुधरी, तो सीएम स्तर से कार्रवाई होगी तथा जीएम गिरिडीह व अधीक्षण अभियंता कोडरमा के स्थानांतरण के पूर्व के कार्यकाल में हुई गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच करायेंगे.