झुमरीतिलैया. जीव जब जन्म लेता है, तो माया में लिपट जाता है. इसके कारण वह जीव कल्याण के लिए कुछ नहीं कर पाता है. मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है. उक्त बातें देवी चित्रलेखा ने गुमो में आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार को प्रवचन करते हुए कही. उन्होंने 28 नरकों की कथा सुनाई और भगवान का नाम लेने से होनेवाले पुण्य की जानकारी दी. देवी जी ने अजामिल का उदाहरण देते हुए कहा कि अजामिल ने जीवन भर पाप किया, किंतु अपने बेटे का नाम नारायण रखा और उसका नाम लेकर तर गया. देवी जी ने कहा कि मृत्यु के वक्त जब अजामिल को यमदूत लेने आये, तो उसने अपने बेटे को नारायण कह कर बुलाया. नारायण नाम सुन कर यमदूत भाग खडे़ हुए. इस प्रकार अजामिल ने अपने पुत्र का नाम लेकर जीवन को सफल बना लिया. उन्होंने कहा कि जब भक्त सच्चे मन से परमात्मा को पुकारता है, तो परमात्मा उसकी पुकार जरूर सुनते हैं. प्रवचन सुनने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं.
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कर्म के अनुसार ही फल मिलेगा : चित्रलेखा
झुमरीतिलैया. जीव जब जन्म लेता है, तो माया में लिपट जाता है. इसके कारण वह जीव कल्याण के लिए कुछ नहीं कर पाता है. मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है. उक्त बातें देवी चित्रलेखा ने गुमो में आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार को प्रवचन करते हुए कही. […]
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