सामग्री का किया वितरण बच्चों में दिखी खुशी
मरकच्चो : डीसी रमेश घोलप ने अपनी पत्नी व बच्चों के साथ बच्छेडीह पंचायत के विंडोमोह बिरहोर टोला में दीपावली मनायी. डीसी ने बिरहोर बच्चों को कॉपी, कलम, पेंसिल, रबर, पेंसिल कटर के अलावा मिठाई व पटाखे देकर उनके मुरझाये चेहरों पर खुशियां लौटायी. वहीं बिरहोर परिवारों को ठंड से बचाव के लिए कंबल दिया. डीसी यहां करीब एक घंटे से भी ज्यादा समय तक रहे और बिरहोर बच्चों के साथ बिताया.
इस दौरान उन्होंने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर अपने हाथों से मिठाई खिलायी. बच्चों के रोने पर उन्हें पुचकार कर चुप भी कराया. बाद में डीसी व उनकी पत्नी रूपाली घोलप ने कॉलोनी के बच्चों के साथ जमीन पर बैठ कर एक साथ मिठाई खाने व खिलौने का आनंद लिया.
डीसी ने बच्चों से वे किस क्लास में पढ़ रहे है और बड़ा होकर पढ़ाई करके क्या बनेंगे इसके बारे में सवाल पूछे. इस पर कुछ बच्चों ने सिपाही व इंजीनियर बनने की बातें कही. एक बिरहोर युवक ने जब डीसी से कहा कि मैंने पटना में स्नातक की पढ़ाई और साथ-साथ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं. इस पर डीसी ने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा कि कुछ सहायता की जरूरत हो तो मुझे जरूर बताना.
उन्होंने उसे मार्गदर्शन के लिए कार्यालय में मिलने के लिए भी बुलाया. डीसी ने सभी से कहा कि अगर हालात बदलना है, तो शिक्षा ही एकमात्र साधन है. विपरीत हालात को अपनी प्रेरणा बनाकर आगे बढ़ने का हौसला अपने बच्चों में बढ़ाये. शिक्षा का दीया ही हालातों का अंधेरा दूर करेगा.
डीसी ने मुख्यमंत्री सुकन्या योजना, मातृत्व वंदन योजना, गोल्डेन कार्ड, मजदूर निबंधन आदि के क्रियान्वयन की भी जानकारी ली और उसके फायदों के बारे में बताया. उन्होंने बिरहोर परिवारों को स्वीकृत बिरसा आवास को ससमय गुणवत्ता के साथ पूरा कराने का और सोलर लाइट लगाने का निर्देश बीडीओ को दिया. आंगनबाड़ी सेविका को अगले सात दिन में यदि कोई भी सुकन्या योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना से वंचित हो, तो उनका प्रतिवेदन जमा करने को कहा.
इस अवसर पर प्रभारी डीटीओ संतोष सिंह, डोमचांच बीडीओ सह सीओ मनीष कुमार, बबुन मोदी, मो कलीमउद्दीन, आफताब आलम, जाबीर खान, वसी खान, सअनि भोला राम, सेविका सबीहा खातून, रोजगार सेवक रविंद्र ठाकुर, राजेश बिरहोर, संजय बिरहोर, अर्जुन बिरहोर, विनोद बिरहोर, बुधनी बिरहोरिन, कुंती बिरहोरिन के अलावा बच्चों में सूरज बिरहोर, मनोज बिरहोर, कृष्णा बिरहोर, सुभाष बिरहोर, कलदेव बिरहोर, पिंटू बिरहोर, मुकेश बिरहोर, रानी, अनीता, नन्हकी, रुकवा, पूजा समेत कई बच्चे मौजूद थे.