कोडरमा : झारखंड – बिहार की लाइफलाइन समझी जाने वाली नेशनल हाइवे -23 पथ पर 36 घंटे बाद आवागमन फिर से चालू हो गया है. आज सुबह टेक्नीशियन टीम को काफी कोशिशों के बाद सफलता हासिल हुई. गैस टैंकर से गैस लीकेज बंद हो गयी है और पूर्ववत गाड़ियों का परिचालन शुरू हो गया है. ज्ञात हो कि आठ फरवरी को घाटी में ब्रेक फेल होने से गैस टैंकर पलट गया था, जिसके बाद लगाता गैस का रिसाव हो रहा था.
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कोडरमा घाटी में 36 घंटे बाद चालू हो पाया आवागमन, हल्दिया की टेक्नीशियनों ने पायी सफलता
कोडरमा : झारखंड – बिहार की लाइफलाइन समझी जाने वाली नेशनल हाइवे -23 पथ पर 36 घंटे बाद आवागमन फिर से चालू हो गया है. आज सुबह टेक्नीशियन टीम को काफी कोशिशों के बाद सफलता हासिल हुई. गैस टैंकर से गैस लीकेज बंद हो गयी है और पूर्ववत गाड़ियों का परिचालन शुरू हो गया है. […]
गाड़ियों की 22 किलोमीटर लंबी कतार
इस गैस रिसाव के बाद गाड़ियों की 22 किमी लंबी कतार लग गयी थी. चालकों और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. संकट से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने हल्दिया से टेक्नीशियन मंगाया था. घटना के रोज पटना और हजारीबाग के विशेषज्ञों की टीम को बुलवाया गया. टीम के सदस्य गैस रिसाव को नियंत्रित नहीं कर पाये थे. इसके बाद शुक्रवार को हल्दिया से एक्सपर्ट मंगवाये गये. इस टीम के लगातार प्रयासों के बाद सफलता हाथ लगी.
सड़कों पर बना बसेरा, पगडंडी बना सहारा
एक ओर सड़क जाम में फंसे लोग पिछले 36 घंटे से परेशान थे, तो दूसरी ओर ट्रक चालकों का बसेरा सड़क किनारे बन गया है. ट्रक चालक सड़क किनारे डेरा डाले हुए थे. भोजन सड़क पर ही बना कर खा रहे हैं. दूसरी ओर शुक्रवार को कोडरमा से पैदल ही कुछ लोग दिबौर चले गये. दिबौर निवासी दिनेश प्रसाद ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ गुरुवार को ही कोडरमा आये थे. लौटने के क्रम में जाम में फंस गये. बहरहाल जाम हटने से यात्रियों की मुश्किलें खत्म हो गयी है.
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