कोडरमा : झारखंड राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की 17 जनवरी से शुरू हुई राज्यव्यापी हड़ताल के छठे दिन जारी रही. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका रहा. सेविका, सहायिका, पोषण सखी हड़ताल से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
हड़ताल की वजह से जिले में तीन से छह साल तक के करीब 20,000 गरीब परिवार के बच्चों का पठन-पाठन और केंद्रों में दोपहर को मिलने वाली खिचड़ी बंद है. इतना ही नहीं छह हजार गर्भवती महिलाओं व डेढ़ साल तक के हजारों बच्चे का टीकाकरण प्रभावित हो रहा है.
हड़ताल को और तेज करने के लिए 24 जनवरी को समाहरणालय प्रागंण में सेविका-सहायिका प्रदर्शन व घेराव करेगी. यह निर्णय झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ (सीटू) जिला कोर ग्रुप की बैठक में लिया गया.
मौके पर आंगनबाड़ी संघ के राज्य संयोजक व सीटू राज्य कमेटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि देश में 44 साल से आंगनबाड़ी चल रहा है. भारत को पोलियो मुक्त बनाने में सेविका सहायिका की अहम भूमिका है. कुपोषण कम करने में जी जान से काम कर रही है, लेकिन इनके कामों को किसी सरकार ने समझा नहीं है.
इसलिए यह सेविका सहायिका की अस्तित्व की लड़ाई है, इसे जीतना ही होगा. इस अवसर पर मीरा देवी, पूर्णिमा राय, चिंतामनी देवी, उर्मिला देवी, मंजू देवी, यशोदा देवी, ज्योति वर्णवाल, लीला कुमारी, मीना देवी, सुरेंद्र पांडेय आदि ने किया. अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मीरा देवी ने की. मालूम हो सेविका सहायिका न्यूनतम 18 हजार मानदेय देने, पोषण सखी के लिए नियमावली बनाने सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.