कर्रा. कर्रा प्रखंड की कच्चाबारी पंचायत स्थित मॉडल स्कूल भगवान भरोसे चल रहा है. विद्यालय में आने-जाने के लिए सड़क नहीं है. जिसके कारण छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. करोड़ों की लागत से बने स्कूल भवन तक पहुंचने के लिए समुचित सड़क की व्यवस्था ही नहीं है. जिसके कारण विद्यार्थियों को और शिक्षकों को रैयतों के खेतों से होकर गुजरना पड़ता है. जिस रास्ते का प्रयोग किया जा रहा था, उसमें भी वर्ष 2024 में विनोद बाखला के नाम से तालाब का निर्माण किया गया है. जिसके कारण यह पथ भी पूरी तरह से बंद हो गया. अब विद्यार्थी और शिक्षक तालाब के किनारे से होकर कीचड़ से गुजरने को विवश हैं. कई बार वे कीचड़ में गिर जाते हैं. इन परेशानियों को देखते हुए मंगलवार को स्कूल के विद्यार्थी और शिक्षक स्कूल के लंच के दौरान कीचड़ में बालू डालकर चलने योग्य बनाने का प्रयास किया. विद्यार्थियों ने बताया कि बारिश के दिनों में स्कूल से 500 से 700 फीट दूरी पर उन्हें साईकिल और शिक्षकों को अपने वाहन छोड़ कर जाना पड़ता है. मॉडल स्कूल में कक्षा छह से दस तक में कुल 46 विद्यार्थी पढ़ते हैं. वे कर्रा के हसबेड़ा, गड़के, तिमड़ा, मास्को, बमरजा सहित अन्य गांवों से साइकिल और पैदल स्कूल जाते हैं. स्कूल की प्राचार्य हिलारिया कच्छप ने कहा कि सड़क नहीं रहने से पैदल चलना भी मुश्किल होता है. स्कूटी को आधे रास्ते में छोड़ कर आना पड़ता है. बच्चे भी कभी-कभी कीचड़ में गिर जाते हैं. इससे हमेशा परेशानी होती है. स्कूल की समस्या को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक खूंटी अपरूपा पॉल चौधरी ने कहा कि सड़क की समस्या को लेकर संबंधित इंजीनियर से दिखाया जायेगा. स्कूल की अन्य समस्याओं का भी निदान किया जायेगा.
स्कूल में बिजली भी नहीं
विद्यालय में बिजली ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है, लेकिन ट्रांसफॉर्मर से अभी तक बिजली बहाल नहीं की गयी है. विद्यालय में सोलर पैनल लगाया गया है. वह भी खराब हो चुका है.
शिक्षक और विद्यार्थियों को हो रही है परेशानी
स्कूल के लंच में विद्यार्थियों ने रास्ते को किया ठीक
सड़क नहीं रहने से पैदल चलना भी मुश्किल होता है : प्राचार्याB
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

