कर्रा. सागीर अहमद कर्रा प्रखंड के राजस्व गांव सांगोर ग्राम सभा की व्यवस्था का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है. सभी प्रकार के निर्णय गांव में ग्रामीण ग्राम सभा के माध्यम से आपस में मिलजुल कर लेते हैं. गांव में पंचायत राज व्यवस्था के तहत प्रत्येक माह के पहले गुरुवार को परंपरागत ग्राम सभा का आयोजन होता है. जिसमें पुरुषों के साथ महिलाओं की भी बराबरी की भागीदारी होती है. ग्राम सभा पंचायती राज व्यवस्था के तहत महिला और पुरुषों को मिला कर कुल आठ स्थायी कमेटी बनायी गयी है. वहीं ग्राम सभा सांगोर का अपना सचिवालय भी बनाया गया है. ग्राम सभा सांगोर का नियमित खाता-बही का संधारण किया जाता है. सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं की योजना का चयन ग्राम सभा से किया जाता है. वहीं जमीन का बंटवारा, खेती-बाड़ी में सामूहिक सहयोग, झगड़ा का निपटारा, गांव की साफ-सफाई, जंगल की सुरक्षा, नदी नाला में बांध का निर्माण, धार्मिक स्थलो का रख रखाव, जनवितरण प्रणाली दुकान, विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र की निगरानी, सामूहिक रूप से पर्व-त्योहार मनाने का निर्णय, गांव में खेल-कूद कराने का निर्णय, सड़क, कुआं, बागवानी, आवास, पेयजल, बिजली, खाद बीज वितरण, खाद्य सुरक्षा को लेकर मिल कर निर्णय लिया जाता है. ग्राम सभा को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अन्न कोष व धन कोष कि व्यवस्था रखी गयी है. जिसमें प्रत्येक परिवार से साप्ताहिक और मासिक चावल तथा नकद दस रुपये जमा किया जाता है. ग्राम सभा की बैठक परंपरागत ग्राम प्रधान चुमनू मुंडा की अध्यक्षता में संचालित की जाती है. सांगोर ग्राम सभा में मुंडा, उरांव, स्वांसी, रौतिया ठाकुर, लोहरा सहित अन्य समुदाय के करीब 150 परिवार मिलजुल कर रहते हैं.
ग्राम सभा का आदर्श उदाहरण है सांगोरB
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