रनिया. एसएस प्लस-2 उच्च विद्यालय रनिया में करम पूर्व संध्या में बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी करमा वंदना नृत्य से किया गया. इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रीता सरोजनी कोनगाड़ी ने कहा कि करम एक प्राकृतिक पर्व है. आज हमें प्रकृति को बचाने पेड़ लगाने, अपने संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने का संकल्प लेना चाहिए. शिक्षक महेंद्र सिंह ने करमा और धरमा भाईयों की कहानी का विवेचन किया. उन्होंने बताया कि करमा पर्व जबसे मानव सभ्यता का विकास हुआ, भोजन के रूप में शिकार के अलावा अन्न का आविष्कार हुआ, तब से प्रकृति के साथ हमारे जीवन दर्शन को अभिव्यक्त करता है. इस पर्व से मातृत्व सृजन शक्ति का विकास होता है. इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पारंपरिक परिधान में और मांदर की थाप पर करम गीतों को प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन दीपक गोप और दाउद मड़की ने किया. इस अवसर पर सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्रा उपस्थित थे.
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