महर्षि मेंही आश्रम मलियादा और शांतिपुरी मुरहू में निकाली गयी प्रभात फेरी प्रतिनिधि, खूंटी महर्षि मेंही आश्रम मलियादा और शांतिपुरी मुरहू में रविवार को महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात फेरी से की गयी. प्रभात फेरी में काफी संख्या में सत्संगियों ने भक्ति भाव से हिस्सा लिया. श्रद्धालु सुबह से बंदगांव और मुरहू के मुख्य मार्गों में जुट गये. सभी ने श्रद्धा भाव के साथ प्रभात फेरी निकाली. इस दौरान भारत माता की जय, सद्गुरु महाराज की जय, धर्म की जय हो, गो माता की जय, मानव-मानव एक है आदि के नारे लगाये गये. प्रभात फेरी नगर का भ्रमण करते हुए आश्रम पहुंचकर समाप्त हुई. सद्गुरु महाराज के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया गया. इस अवसर पर स्तुति, प्रार्थना और ग्रंथ पाठ किया गया. इसके पश्चात सत्संग का आयोजन किया गया. इसमें सबसे पहले महर्षि मेंही परमहंस के जीवनी पर प्रकाश डाला किया. प्रवचन देते हुए स्वामी लक्ष्मण जी महाराज ने कहा कि गुरुदेव का अवतरण मानवता के कल्याण के लिए हुआ था. सद्गुरु महाराज प्राणियों को भगवान का संतान मानते थे. सभी की सेवा करने के लिए मनुष्य का जीवन है. उन्होंने कहा कि गुरुदेव का कहना है कि स्वावलंबी जीवन जीना चाहिए. वहीं, सदाचार और शाकाहार जीवन ईश्वर की भक्ति करते हुए जीना चाहिए. बुराइयों से सदैव दूर रहना चाहिए. परमात्मा को प्राप्त करने, जीवन में सुख पाने के लिए गुरु के बताये भक्ति मार्ग पर चलकर ही अपना पूर्ण कल्याण किया जा सकता है. स्वामी गुलाब जी महाराज ने कहा कि गुरुदेव साक्षात ईश्वर के अवतार थे. इसमें कितनों का दुःख दूर हुआ है. लोदरो बाबा, मुरलीधर ब्रह्मचारी, दिगंबर दास आदि ने भी सदगुरुदेव की महिमा बताया. कार्यक्रम में चक्रधरपुर, खूंटी, तमाड़, बंदगांव, हुंटार आदि स्थानों के सत्संगी पहुंचे थे. मौके पर डॉ डीएन तिवारी, संजय कुमार, जूरन मुंडा, रामहरि साव, सगुन दास, सूरजमल प्रसाद, मंगल मुंडा, मुचीराय मुंडा, सुनील ठाकुर, विष्णु मुंडा, धर्मेंद्र ठाकुर, गंगाराम समद, सुनील रजक, हेमंत भगत, कृष्ण भगत, डॉ महेंद्र प्रसाद, डॉ रमेश वर्मा, सूरज लाल गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे.
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