Advertisement
अंतर्मुख होने पर होती है मूल स्वरूप की प्राप्ति
कथा के बाद श्रद्धालुओं ने फूल होली खेली श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया कर्रा : जरियागढ़ ग्राम के दशहरा मैदान मेें आर्ट ऑफ लिविंग के सौजन्य से श्रीमदभागवत महापुरण कथा के आठवें दिन बंगलुरू से आये स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि जब हम अंतर्मुख होते हैं तो अपने मूल स्वरूप की […]
कथा के बाद श्रद्धालुओं ने फूल होली खेली
श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया
कर्रा : जरियागढ़ ग्राम के दशहरा मैदान मेें आर्ट ऑफ लिविंग के सौजन्य से श्रीमदभागवत महापुरण कथा के आठवें दिन बंगलुरू से आये स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि जब हम अंतर्मुख होते हैं तो अपने मूल स्वरूप की प्राप्ति होती है.
स्वामी जी ने कहा कि श्रीमदभागवत एक एेसी कथा है, जो घर-घर जाकर मन को पवित्र करते हुए चित्त को शांत करती है. कथा के बाद श्रद्धालुओं ने फूल होली खेली. लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया. कार्यक्रम के मुख्य यज्ञमान भरत साहू, ज्योतिंद्र शाहदेव, आशु शाहदेव, रणेंद्र शाहदेव, कल्याणी शाहदेव, रवि मिश्रा व राजकुमार थे.कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्रामीणों का सहयोग सराहनीय रहा. मौके पर सैकड़ों महिला-पुरुष उपस्थित थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement