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झारखंड : 141 गांवों के ग्राम प्रधान व प्रमुख हुए शामिल, कहा पत्थलगड़ी सही, पर वर्तमान स्वरूप विकास विरोधी

खूंटी : पत्थलगड़ी के वर्तमान स्वरूप को मुरहू प्रखंड के 141 गांवों के ग्राम प्रधानों, प्रमुख, मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने असंवैधानिक करार दिया. गुरुवार को जिला प्रशासन की ओर से मुरहू प्रखंड मुख्यालय के किसान भवन में आयोजित संवाद कार्यक्रम में उक्त सभी ने सर्वसम्मति से उक्त बातें कहीं. इस मौके पर कथित ग्रामसभा […]

खूंटी : पत्थलगड़ी के वर्तमान स्वरूप को मुरहू प्रखंड के 141 गांवों के ग्राम प्रधानों, प्रमुख, मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने असंवैधानिक करार दिया. गुरुवार को जिला प्रशासन की ओर से मुरहू प्रखंड मुख्यालय के किसान भवन में आयोजित संवाद कार्यक्रम में उक्त सभी ने सर्वसम्मति से उक्त बातें कहीं.
इस मौके पर कथित ग्रामसभा की ओर से जारी फरमान जिसमें बच्चों को स्कूल नहीं भेजने, सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने, 2019 से पूरे देश में ग्रामसभा के नोट चलेंगे समेत अन्य मुद्दों पर भी जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों के बीच खुली बहस हुई.
पत्थलगड़ी आदिवासी समाज की परंपरा है : संवाद कार्यक्रम में ग्राम प्रधानों, मुखिया समेत अन्य प्रतिनिधियों ने कहा कि पत्थलगड़ी आदिवासी समाज की परंपरा है.
आदिवासियों में किसी के जन्म लेने, निधन होने, गांव के सीमांकन समेत कुल आठ तरह की पत्थलगड़ी होती है, लेकिन पत्थलगड़ी का जो वर्तमान स्वरूप है, वह गलत और असंवैधानिक है. इस मौके पर सभी ने कहा, सदियों से एक साथ रहते आ रहे लोगों के बीच फूट पैदा करनेवाले तत्वों को हमें कभी प्रश्रय नहीं देना है.
परंपरागत ढंग से होनेवाली पत्थलगड़ी का सम्मान : डीसी
संवाद कार्यक्रम में जिला प्रशासन की ओर से डीसी सूरज कुमार ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की परंपरागत ढंग से होनेवाली पत्थलगड़ी का प्रशासन पूरा सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि पत्थलगड़ी का मौजूदा स्वरूप विकृत है.
पत्थलगड़ी की आड़ में आदिवासियों को संविधान की गलत जानकारी दी जा रही है. पत्थलगड़ी में संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों को कांट-छांट कर संविधान की गलत व्याख्या की जा रही है. अनुच्छेद के मूल भाव की जानकारी नहीं दी जा रही है. डीसी ने कहा कि संविधान की धारा में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि कौन भारतीय नागरिक है. उन्होंने कहा कि पत्थलगड़ी करनेवाले कहते हैं कि वे वोटर कार्ड को नहीं मानते, पर अनुच्छेद 12 में स्पष्ट लिखा है कि राज्य की परिभाषा क्या है.
इसमें संसद और सरकार के अधिकार निहित हैं. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 13 में कहा गया है कि जिस विधि से किसी के मौलिक अधिकार का हनन हो, वह स्वत: ही शून्य हो जाता है.उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 13(3)क में स्पष्ट है कि कानून बनाने का अधिकार सिर्फ राज्य का है.उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 19(5)(6) में कहा गया है कि 5वीं अनुसूची वाले क्षेत्रों में भी राज्य की कार्यकारी शक्तियां निहित हैं. मतदाता सूची में नाम नहीं होने पर कोई व्यक्ति ग्रामसभा का सदस्य बन ही नहीं सकता.
कथित ग्रामसभा लोगों को बरगला रहा : मंगल सिंह मुंडा
संवाद कार्यक्रम में कुरूंगा गांव के ग्रामसभा के प्रतिनिधि मंगल सिंह मुंडा ने कहा कि ग्रामसभा के माध्यम से कुछ लोग ग्रामीणों को बरगला रहे हैं कि 2019 से पूरे देश में ग्रामसभा के नोट चलेंगे. 2019 के बाद भारत सरकार के नोट महत्वहीन हो जायेंगे. यह भ्रामक है.
उन्होंने कहा कि उनके गांव में पत्थलगड़ी की गयी है, पर इसकी जानकारी ग्राम प्रधान को भी नहीं दी गयी. जो पूरी तरह असंवैधानिक है.उन्होंने कहा कि कथित ग्रामसभा ने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं भेजने और सरकारी योजनाओं को नहीं लेने का भी फरमान जारी किया है.जो गलत है.
पत्थलगड़ी का नहीं, उसमें लिखी बातों का विरोध हो : तड़कन सिंह मुंडा
कूड़ापूर्ति गांव के ग्रामप्रधान तड़कन सिंह मुंडा ने कहा कि प्रशासन पत्थलगड़ी का विरोध नहीं कर सकता. यह आदिवासियों का पारंपरिक अधिकार है.
प्रशासन को गैर परंपरागत रूप से हो रही पत्थलगड़ी में अंकित बातों का विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा, इस मामले के लिए कुछ हद तक प्रशासन भी जिम्मेवार है. उन्होंने कहा कि उनके गांव में उत्क्रमित हाई स्कूल है, पर वहां मात्र चार शिक्षक हैं. ऐसे में वे कैसे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजेंगे.
प्रशासन और जनता के बीच की खाई को पाटना जरूरी : सनिका बोदरा तुम्बाकेल के ग्राम प्रधान सनिका बोदरा ने कहा कि कुछ लोगों के कारण इन दिनों आम लोगों और प्रशासन के बीच गहरी खाई बन गयी है. इस खाई को पाटना जरूरी है. आज एक समाज के लोग दूसरे को हीन दृष्टि से देख रहे हैं. इसका समाधान जरूरी है. पत्थलगड़ी की परंपरा हजारों साल पुरानी है, पर आज जिस स्वरूप में पत्थलगड़ी हो रही है, वह गलत है. इससे क्षेत्र का माहौल बिगड़ रहा है.
गलत पत्थलगड़ी का विरोध जरूरी : महानंद मुंडा
सोमार बाजार मुरहू के ग्राम प्रधान महानंद मुंडा ने कहा कि आदिवासी अपनी रीति से पत्थलगड़ी करें, इसमें सभी का सहयोग मिलेगा, पर आज जिस ढंग और उद्देश्य से पत्थलगड़ी हो रही है, उसका विरोध होना चाहिए.उन्होंने कहा कि ऐसे तत्व ग्रामीणों को भड़काने में सफल हो रहे हैं, तो इसके पीछे भी कारण हैं. एक रुपये के चावल से पेट भरने वाला कहां से अपने बेटे को डॉक्टर-इंजीनियर बनाने की बात सोच सकता है. सरकार यदि गरीबों पर ध्यान दे, तो ऐसे तत्व खुद हतोत्साहित हो जायेंगे.
सरकार से मिल कर चलना पड़ेगा : सोमा कैथा
गोड़ाटोली पंचायत के मुखिया और जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा कैथा ने कहा कि ग्रामीण अकेले विकास नहीं कर सकते.सरकार के सहयोग के बिना विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं भेजने की बात कह रहे हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने के लिए भड़का रहे हैं, वे आदिवासी समाज को 50 साल पीछे धकेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान के खिलाफ हो रही पत्थलगड़ी का मुखर विरोध होना चाहिए.
आदिवासी परंपरा के खिलाफ हो रही है पत्थलगड़ी :सुनील मुंडा
जानुमपीड़ी गांव के 80 वर्षीय वृद्ध सुनील मुंडा ने कहा कि आज कल जो पत्थलगड़ी हो रही है, वह पूरी तरह आदिवासी परंपरा के खिलाफ है.पत्थलगड़ी के कुछ रीति-रिवाज हैं. किसी के जन्म लेने या मौत होने पर पत्थलगड़ी की जाती है, पर सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने के लिए की जा रही पत्थलगड़ी पूरी तरह आदिवासियों के खिलाफ है.
150 साल पीछे चला जायेगा आदिवासी समाज : चंद्रप्रभात मुंडा
मुुरहू पूर्वी के जिला परिषद सदस्य चंद्रप्रभात मुंडा ने कहा कि पत्थलगड़ी करनेवाले तत्वों के बहकावे में आकर यदि हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजें और सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करें, तो आदिवासी समाज 150 साल पीछे चला जायेगा. ऐसी पत्थलगड़ी का हर ओर विरोध होना चाहिए.
अफीम की खेती की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे खेत के साथ ही पुरुषों में नपुसंकता तक आ जाती है. इससे हमारी जनसंख्या और घटती जायेगी. ऐसे तत्व आदिवासियों को नष्ट करने की साजिश कर रहे हैं.
अफीम की खेती से दूर रहें : एसपी
इस मौके पर एसपी ने कहा कि प्रशासन परंपरा का सम्मान करता है, पर जिस ढंग से संविधान की गलत व्याख्या कर लोगों को भड़काया जा रहा है.
इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने अफीम की खेती से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा कि इसमें आजीवन कारावास तक का प्रावधान है. कार्यक्रम को एसडीओ प्रणब कुमार पाल, बीडीओ प्रदीप भगत सहित कई अन्य लोगों ने भी संबोधित किया. मौके पर डीडीसी चंदकिशोर मंडल, एएसपी अभियान अनुराग राज, एसडीपीओ रणवीर सिंह सहित कई अधिकारी व अन्य उपस्थित थे।
मुरहू प्रखंड के किसान भवन में कई मुद्दों पर हुई खुल कर बहस
आधार कार्ड के कारण आज सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे आदिवासियों को मिल रहा है, पर ऐसे तत्व इसे रोकना चाहते हैं.वे चाहते हैं कि आदिवासी अनपढ़ और गरीब ही रहे, ताकि उनकी राजनीति चलती रहे.उन्होंने कहा कि आज गांवों की स्थिति सुधर रही है. सबों को मिलजुल कर काम करना होगा.
-सूरज कुमार, डीसी, खूंटी
बबीता कच्छप व विजय कुजूर का बेल रिजेक्ट
भंडरा में पत्थलगड़ी कर संविधान की गलत व्याख्या करने, पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों को उकसाने मामले के मुख्य आरोपी बबीता कच्छप एवं विजय कुजूर की अग्रिम जमानत याचिका पीडीजे खूंटी कोर्ट ने देने से इंकार कर दिया है.दोनों नामजद आरोपियों के अधिवक्ताओं ने सात मार्च को प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में जमानत के लिए आवेदन दिया था.
Prabhat Khabar Digital Desk
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