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जेइइ मेंस में गड़बड़ी, 19 जगहों पर सीबीआइ की रेड, 30 पोस्ट डेटेड चेक, 25 लैपटॉप समेत मिले ये सामान

सीबीआइ की एक टीम ने सरायकेला-खरसावां जिला के आरआइटी थाना अंतर्गत बाबाकुटी में टेंट कारोबारी सोनूू ठाकुर के आवास पर भी छापेमारी की. छापामारी के दौरान विभिन्न ठिकानों से 30 पोस्ट डेटेड चेक, 25 लैपटॉप, सात कंप्यूटर जब्त किये गये हैं. परीक्षा में गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

सीबीआइ दिल्ली की टीम ने जेइइ (मेंस) 2021 के आयोजन में हुई अनियमितताओं को लेकर एडमिशन कंसल्टेंट का काम करनेवाली एजेंसी एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसी सिलसिले में जांच एजेंसी ने जमशेदपुर, दिल्ली-एनसीआर और पुणे समेत देश के 19 स्थानों पर गुरुवार को छापे मारे.

इस क्रम में सीबीआइ की एक टीम ने सरायकेला-खरसावां जिला के आरआइटी थाना अंतर्गत बाबाकुटी में टेंट कारोबारी सोनूू ठाकुर के आवास पर भी छापेमारी की. सीबीआइ की टीम अपने साथ सोनू ठाकुर को यह कहते हुए साथ ले गयी कि उनका बयान दर्ज किया जाना है.

सीबीआइ प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि सीबीआइ ने संस्थान, उसके निदेशकों, दलालों/सहयोगियों और परीक्षा केंद्र पर तैनात कर्मचारियों और अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है. छापामारी के दौरान विभिन्न ठिकानों से 30 पोस्ट डेटेड चेक, 25 लैपटॉप, सात कंप्यूटर जब्त किये गये हैं. इसके अलावा भारी मात्रा में परीक्षा में गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

खास बातें

एडमिशन कंसल्टेंट का काम करनेवाली एजेंसी एफिनिटि एजुकेशन के निदेशक सिद्धार्थ कृष्णा, विशंभरमणि त्रिपाठी और गोविंद हैं आरोपी

  • जांच में पाया गया कि इन अभियुक्तों ने दूसरों के साथ मिल कर ऑनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी की

  • छापामारी के दौरान 30 पोस्ट डेटेड चेक, 25 लैपटॉप, सात कंप्यूटर जब्त किये गये

  • भारी मात्रा में परीक्षा में गड़बड़ी से सेबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं

  • मनपसंद एनआइटी में नामांकन के लिए 12-15 लाख रुपये लेने के मिले सबूत

जब्त किये गये चेक से इस बात का संकेत मिलता है कि मनपसंद एनआइटी में नामांकन कराने के लिए 12-15 लाख रुपये के हिसाब से पैसों की वसूली की गयी है. सीबीआइ दिल्ली ने जेइइ मेंस परीक्षा में गड़बड़ी कर छात्रों को मनपसंद एनआइटी में नामांकन कराने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है.

इसमें यह आरोप लगाया गया है कि मेसर्स एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने दूसरे लोगों से साजिश रच कर यह जालसाजी की है. इसमें मेसर्स एफिनिटि एजुकेशन के निदेशक सिद्धार्थ कृष्णा, विशंभरमणि त्रिपाठी और गोविंद वार्शनेय सहित अन्य लोग शामिल है. मामले की प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि इन अभियुक्तों ने दूसरों के साथ मिल कर ऑनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी की.

मनपसंद एनआइटी में नामांकन के इच्छुक उम्मीदवारों से भारी रकम लेकर उन्हें परीक्षा में मिले प्रश्नपत्रों को हल किया. इस काम के लिए सोनीपत (हरियाणा)स्थित परीक्षा केंद्र का इस्तेमाल किया गया. जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली है कि मनपसंद एनआइटी में नामांकन करानेवाले लोग छात्रों से 10 वीं और 12 वीं का मार्कशीट मांग लेते हैं. इसके अलावा उनका यूजर आइडी और पासवर्ड और पोस्ट डेटेड चेक लेकर प्रश्न पत्र हल करते हैं.

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Posted by: Pritish Sahay

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