निकेश सिन्हा, नारायणपुर: नारायणपुर प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र बोरवा गांव में रविवार को प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में बुजुर्ग, युवा, विद्यार्थी, मजदूर, समाजसेवी समेत अन्य लोगों ने भाग लिया. लोगों ने कहा कि बोरवा सुदूरवर्ती इलाका है और स्थानीय प्रशासन एवं संबंधित विभागों को यहां की मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए. गांव में विद्यालय तो है, लेकिन शिक्षकों की भारी कमी है. मात्र चार शिक्षकों के भरोसे 400 विद्यार्थियों की पढ़ाई संभव नहीं है, इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में लोगों को 15 किलोमीटर दूर नारायणपुर जाना पड़ता है. गांव की सड़कों की स्थिति भी खराब है और बिजली की आपूर्ति अनियमित है. पेयजल के लिए भी लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि प्रसव पीड़ा जैसी स्थिति में महिलाओं को उबड़-खाबड़ रास्तों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाना पड़ता है, जिससे काफी परेशानी होती है. हल्की बीमारियों के लिए या तो झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहना पड़ता है या नारायणपुर जाना पड़ता है. गांव से हाईवे की दूरी तीन किलोमीटर है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आवागमन बहुत कठिन है. मदरसे में उर्दू की पढ़ाई होती है, लेकिन वहां भी मूलभूत सुविधाओं की कमी है. तकनीकी युग को देखते हुए मदरसे को हाईटेक बनाया जाना चाहिए. क्या कहते हैं ग्रामीण – गांव में माध्यमिक स्तर तक विद्यालय तो है, लेकिन उसमें 400 विद्यार्थी हैं. इन विद्यार्थियों की पढ़ाई महज औपचारिकता बनकर रह गई है, क्योंकि विद्यालय में केवल 4 शिक्षक हैं. विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की बहाली होनी चाहिए, ताकि पढ़ाई सुचारू रूप से हो सके. – अशरफ अंसारी, ग्रामीण — गांव में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र अवश्य होना चाहिए, ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें. फिलहाल लोगों को इलाज के लिए 15 किलोमीटर दूर नारायणपुर जाना पड़ता है. इस गांव की आबादी एक हजार से अधिक है, ऐसे में एक स्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता अत्यंत जरूरी है. – अनाउल अंसारी, ग्रामीण — गांव में सड़कें अच्छी नहीं हैं, जिससे आवागमन में काफी कठिनाई होती है. गांव से हाईवे की दूरी मात्र 3 किलोमीटर है, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए बेहतर सड़क नहीं है. सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए, ताकि लोगों को सुविधा हो सके. – कलीमुल्लाह अंसारी, ग्रामीण — गांव में बिजली की आपूर्ति अनियमित है, जो सभी के लिए परेशानी का कारण बनती है. खासकर जब विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं, तभी बिजली कट जाती है. बिजली व्यवस्था को स्थायी और नियमित बनाया जाना चाहिए. – जहीरुद्दीन अंसारी, ग्रामीण — मदरसे को हाईटेक बनाया जाना चाहिए, ताकि हिंदी के साथ-साथ उर्दू और तकनीकी शिक्षा में भी सहूलियत हो. वर्तमान में मदरसे में उर्दू के साथ अन्य विषयों की पढ़ाई तो होती है, लेकिन डिजिटल युग में तकनीकी शिक्षा भी आवश्यक है. इसके लिए मदरसे में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए. – नसीम अंसारी, ग्रामीण — पेयजल के लिए लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पहाड़ी इलाका होने के कारण यह समस्या आम है, लेकिन इसका स्थायी समाधान आवश्यक है. गांव में 15वीं वित्त आयोग की निधि से सोलर जलमीनार लगाया गया था, लेकिन वह आज भी अधूरा पड़ा है. इस पर विशेष कार्यवाही होनी चाहिए. – नसीरुद्दीन अंसारी, ग्रामीण
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