जामताड़ा. जामताड़ा जिले में आठ करोड़ रुपये से निकली 53 ग्रुप का टेंडर एक बार फिर निकाली गयी है. यह टेंडर पांचवीं बार होगा. इसको लेकर भी संवेदकों में संशय बरकरार है. गौरतलब है कि इस राशि का टेंडर शुरू से ही विवादों में रहा है. हर बार संवेदक टेंडर मैनेज का आराेप लगा दे रहे हैं. इस कारण सितंबर माह से ही यह राशि चार विभागों में घूम चुकी है. पांचवीं बार एनआरईपी कार्यालय से निविदा निकाली गयी है. जानकारी के अनुसार अनाबद्ध निधि से आठ करोड़ रुपये की राशि से जिले में विकास कार्य के लिए विभिन्न योजना नाली, पीसीसी सहित अन्य योजना का टेंडर किया जाना है, लेकिन यह राशि सितंबर से ही अलग-अलग विभागों के चक्कर लगा रही है. इसके लिए निविदा सबसे पहले आठ सितंबर को जिला परिषद कार्यालय से निकाली गयी. इसमें शिकायत मिलने पर निविदा को रद्द कर दिया गया. इसके बाद 20 सितंबर को ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से निविदा निकाली गयी. यहां भी टेंडर मैनेज की शिकायत पर निविदा को रद्द किया गया. तीसरी बार 14 नवंबर को लघु सिंचाई प्रमंडल कार्यालय से निविदा निकाली गयी. यहां भी कदाचार के आरोप में निविदा को रद्द कर दिया गया. चौथी बार 28 नवंबर को एनआरइपी से निविदा का प्रकाशन किया गया है. यहां निविदा खुली ही नहीं. एनआरईपी विभाग में टेंडर मैनेज करने का आरोप जिले के कई संवेदकों ने लगाया था. इस कारण निविदा रद्द कर दी गयी. संवेदकों को परिमाण विपत्र की राशि एवं जमा अग्रधन की राशि वापस कर दिया गया है. अधिकारी को बदलकर फिर से बुधवार को एनआरईपी कार्यालय से निकाली गयी है. क्या कहते हैं डीसी : निविदा को पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराना है. इस कारण समाहरणालय में बीओक्यू की बिक्री पुलिस की निगरानी में की जाएगी. सभी संवेदकों को बीओक्यू खरीदने का अवसर मिलेगा. भय मुक्त होकर संवेदक टेंडर पेपर खरीदें. – रवि आनंद, डीसी, जामताड़ा
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